अब कोहरे में भी उड़ान भर सकेंगे विमान: पुनर्वास विवि और विमान पत्तन प्राधिकरण ने कोहरे में देखने वाले उपकरण का लिया पेटेंट

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। अब विमानों को टेक ऑफ करने और लैडिंग में कोहरा बाधा नहीं बनेगा। न ही पायलट को विजिबिलिटी की कोई समस्या होगी। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण की संयुक्त शोध टीम मानव रहित और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से युक्त ऐसा ड्रोन बनाया है जो विमान के आते ही हवाई अड्डे के ऊपर आसमान को कुछ देर के लिए कोहरा मुक्त कर देगा। 

इसके लिए हवाई अड्डे के तीन तरफ से आपस में जुड़े ड्रोन कोहरे की सघनता के हिसाब से अल्ट्रावायलट किरणों को उत्सर्जन करेंगे। विश्वविद्यालय की टीम ने दो वर्ष के शोध में फार्मूला विकसित किया। इसे यूनाईटेड किंगडम से पेटेंट भी प्राप्त हो गया है। 

पुनर्वास विश्वविद्यालय के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक दिनेश कुमार निषाद, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहायक महाप्रबंधक डॉ. सैफुल्लाह खालिद और धर्मेंद्र प्रकाश के साथ मिधुन चक्रवर्ती, शशि कांत गुप्ता और अल्केश अग्रवाल ने मिलकर इस नई आधुनिक तकनीक को अंजाम दिया है।

यह अभिनव तकनीक कोहरे से निपटने के लिए कई प्रकार के विशेष ड्रोन का उपयोग करती है। इनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सीडिंग सिस्टम है, ये वायुमंडल में विशेष कणों का छिड़काव कर दृश्यता को बढ़ा देता है। स्वचालित कोहरा निवारण प्रणाली उन्नत एल्गोरिदम का उपयोग करती है। मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजिंग सिस्टम वास्तविक समय में कोहरे का पता लगाता है और मैपिंग करता है। अल्ट्रा वायलेट किरणों से युक्त ड्रोन प्रणाली कोहरे को प्रभावी ढंग से नष्ट करती है।

सात तकनीक पर मिला पेटेंट

1-एआई-संचालित यूएवी सीडिंग सिस्टम जिसमें वायुमंडलीय दृश्यता बढ़ाने के लिए विशेष कणों का स्वचालित छिड़काव होगा।
2-स्वचालित कोहरा निवारण यूएवी जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा कोहरे का स्वचालित निवारण होगा।
3-हाइब्रिड यूएवी इसके तहत एआई-आधारित उड़ान अनुकूलन द्वारा कोहरा निवारण।
4-बहुउद्देशीय मौसम यूएवी इसमें मौसम संबंधी आंकड़ों का संग्रहण और प्रसार होगा।
5-.मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजिंग डिवाइस जिसमें वास्तविक समय में कोहरे का पता लगाया जाएगा, मैपिंग होगी।
6-पोर्टेबल यूवी रे जनरेटर यूएवी इमके तहत वायुमंडलीय संशोधन के लिए पोर्टेबल यूवी किरण उत्पादक।
7-एकीकृत यूवी रे यूएवी कोहरा निवारण के लिए एकीकृत यूवी किरण प्रणाली।
8-हाईप्रेसेसन यूवी रे इमीशन आपरेशन फॉर ड्रोन
9-एआई कंट्रौल्ड यूवी रे डिस्ट्रीव्यूशन आपरेटस
10-ऑटोनामस फाग आइडेंटीटी

यहां पर होगा प्रयोग

इस प्रौद्योगिकी का उपयोग हवाई अड्डों पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग, राजमार्गों पर यातायात सुरक्षा, रेल परिवहन में दृश्यता बढ़ाने और शहरी क्षेत्रों में कोहरे से होने वाली समस्याओं के समाधान में किया जा सकता है।

उत्तरप्रदेश सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी काउंसिल ने इसके लिए हमे फंड उपलब्ध कराया था। करीब दो साल के कठिन मेहनत के बाद कोहरे की सघनता पता लगाने, उसे खत्म करने के लिए उसी मात्रा में अल्ट्रावायलेट किरण उत्पादन, इसके बाद ड्राई आईस सीओटू का छिड़काव करने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस युक्त ड्रोन बनाए गए हैं... डॉ. दिनेश निषाद, इलेक्ट्रीकल इंजिनियरिंग विभाग।

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