लखीमपुर खीरी: 540 वर-वधू ने लिए सात फेरे तो 17 ने किया एक दूसरे को कबूल
जीआईसी मैदान पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुआ आयोजित
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। जिला मुख्यालय से लेकर निघासन कस्बे में रविवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह हुआ। राजकीय इंटर कॉलेज मैदान लखीमपुर में आयोजित वैवाहिक कार्यक्रम में 557 और निघासन में 215 जोड़ों का हिंदू एवं मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार विवाह कराया गया। ऐसे में समारोह स्थल पर एक तरफ सात फेरे कराए गए तो वहीं दूसरी तरफ निकाह पढ़ा गया। इस दौरान समारोह स्थल पर बद इंतजामी भी हावी रही। विवाह समारोह में शामिल होने वालों की संख्या निर्धारित न होने के कारण वर वधू के लिए आई मालाओं से लेकर भोजन तक कम पड़ गया।
समाज कल्याण विभाग की ओर से आयोजित सामूहिक विवाह योजना के तहत कुल 772 जोड़ों का विवाह हुआ। इसमें शहर के जीआईसी मैदान पर 557 बेटियों का विवाह हुआ। इसमें 540 जोड़ों ने जन्म जन्मांतर एक दूजे का साथ निभाने का संकल्प लेकर सात फेरे लिए तो वहीं 17 मुस्लिम युवक युवतियों ने एक दूसरे को कबूल किया। डीएम, एसपी एवं सीडीओ ने नवविवाहिताओं को उपहार व शगुन किट देकर दांपत्य जीवन की शुरूआत के लिए शुभकामनाएं, शादी का प्रमाण पत्र दिए। डीएम ने बताया कि शासन से गृहस्थी स्थापित करने के लिए कन्या के बैंक खाते में 35 हजार रुपये की धनराशि भेजी जाएगी। राजकीय इंटर कॉलेज मैदान पर धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी एंव सदर विधायक योगेश वर्मा सहित डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी संकल्प शर्मा, सीडीओ अभिषेक कुमार, पालिकाध्यक्ष डॉ. ईरा श्रीवास्तव, ब्लॉक प्रमुख नकहा पवन गुप्ता एवं सदर दिव्या सिंह सहित जिला समाज कल्याण अधिकारी तेजस्वी मिश्रा आदि ने नवदंपतियों को नए जीवन की शुरुआत के लिए आशीर्वाद दिया।
निघासन में एक दूजे के हुए 211 जोड़े
डॉ. भीमराव अम्बेडकर तराई किसान महाविद्यालय में सामूहिक विवाह समारोह हुआ। इस दौरान तमाम अव्यवस्थाओं के बीच 211 युवक युवतियों का विवाह संपन्न हुआ। बीडीओ जयेश कुमार ने बताया कि रमियाबेहड़ से 111 जोड़ो को आना था, लेकिन 15 नहीं आए। इसी तरह निघासन से 126 में 11 नहीं आए। उन्होंने बताया कि गायत्री शक्ति पीठ टीम के दयाशंकर और गूना देवी ने वैदिक मंत्रोच्चार से विवाह सम्पन्न कराया। इस दौरान लोगों को भोजन पानी तक नसीब नहीं हो सका। तमाम लोग इनकी तलाश में इधर उधर भटकते रहे। इतना ही नहीं वर वधू के लिए फूलों की माला तक कम पड़ गई। ऐसे में पहले 90 लोगों को मालाएं दी गई और उसके बाद शेष अन्य को देकर काम चलाया गया। इस दौरान रमियाबेहड़ बीड़ीओ सुशांत सिंह, एडीओ अनुज अवस्थी, उपदेश वर्मा, सुनील पंकज आदि मौजूद रहे।
भोजन में किसी को पूड़ी तो किसी को मिले सिर्फ चावल
विवाह के बाद भोजन का भी इंतजाम था। मगर, भीड़ के सापेक्ष भोजन कम पड़ गया। भोजन पाने के लिए जहां लोगों का पसीना छूट गया तो वहीं दिलाने में पुलिस का। आलम यह रहा कि किसी को पूड़ी सब्जी ही मिली तो किसी को सब्जी चावल से ही संतोष करना पड़ा। वहीं तमाम लोग भोजन न मिलने के कारण भूखे पेट ही वापस लौट गए। कुछ ऐसा ही हाल पानी का रहा। टंकियां खाली होने के कारण लोग प्यासे रहने के लिए मजबूर हो गए।
अधिकारियों के लिए खाने का वीआईपी इंतजाम रहा चर्चित
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वर-वधू पक्ष के लोगों से लेकर अधिकारियों के लिए खाने का अगल इंतजाम था। अधिकारियों के लिए स्टेज के पीछे कॉफी एवं भोजन लगा था। बताया जाता है कि भोजन में भी अंतर था।अधिकारियों के लिए खास दावत का इंतजाम लोगों में चर्चा का विषय का बन गया।
