Kanpur: पूर्व प्रेसक्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के इस करीबी साथी की बढ़ीं मुश्किलें... पुलिस ने हाईकोर्ट का किया रूख, तैयार की चार्जशीट
कानपुर, अमृत विचार। सिविल लाइंस में मैरी एंड मैरीमैन कंपाउंड की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में जेल में बंद कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के पार्टनर और करीबी सुनील शुक्ला के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट की तैयारी कर ली है। पुलिस ने उसका अरेस्ट स्टे खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट का रूख किया है।
सिविल लाइंस स्थित एक हजार करोड़ की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में पुलिस ने 28 जुलाई 2024 को अवनीश दीक्षित को जेल भेजा था। घटना की जांच हुई तो अवनीश के बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन में सुनील शुक्ला का नाम सामने आया। उसके खाते में 30 लाख रुपये की रकम ट्रांसफर की गई थी। जांच शुरू हुई तो सामने आया कि सुनील शुक्ला की कंपनी बालाजी में अवनीश का भी हस्तक्षेप है। जांच और आगे बढ़ी तो पीएफ घोटाले का खुलासा हुआ। जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि की प्रवर्तन अधिकारी वंदना पांडेय ने 12 सितंबर 2022 को ललित गुप्ता और मुकुल चौबे के खिलाफ काकादेव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोप था कि कई संविदा कर्मियों को फर्जी दर्शाते हुए उनका पैसा निकाल लिया गया। जांच में कुल 90 लाख रुपये का घोटाला सामने आया था। जिसमें कर्नलगंज पुलिस ने दोनों आरोपी को जेल भेजा था। वहीं 22 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें सुनील शुक्ला और उसकी कंपनी बालाजी का नाम नहीं आया था। जमीन पर कब्जे के प्रयास में फिर से इस मामले में विवेचना शुरू की गई तो पता चला कि पुलिसकर्मियों की सांठगांठ के चलते सुनील शुक्ला और उसकी फर्म का नाम नहीं आा था। जबकि उसकी बालाजी को ब्लैक लिस्टेट कर दिया गया था।
इसके बाद पुलिस ने कई बार रिमाइंडर के बाद भी नगर निगम ने सूची नहीं दी बल्कि नाम ही दिए। उनका पता और खाता संख्या नहीं दिया। इसके बाद पुलिस ने केस्को से पत्राचार किया तो उनकी तरफ से 75 संविदा कर्मियों की सूची पुलिस को सौंप दी गई। पुलिस ने सत्यापन किया तो ज्यादातर फर्जी निकले थे। इस संबंध में संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय विपिन मिश्रा के अनुसार इसकी विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है। 75 कर्मियों की जो सूची मिली थी उसके आधार पर चार्जशीट तैयार कर ली गई है।
