बदायूं : दोहरे हत्याकांड में पिता-पुत्र समेत 10 दोषियों को आजीवन कारावास

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Published By Pradeep Kumar
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शुक्रवार को न्यायाधीश ने सुनाया फैसला, हर दोषी पर 21-21 हजार रुपये जुर्माना

बदायूं, अमृत विचार। जिला संभल के रजपुरा थाना क्षेत्र में लगभग 19 साल पहले दोहरे हत्याकांड के आरोप में पिता-पुत्रों सहित दस आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट की न्यायाधीश ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही हर दोषी पर 21-21 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। एक आरोपी टीटू उर्फ हरिकिशोर को अवैध तमंचे का भी दोषी करार दिया गया। उस पर पांच वर्ष की सजा और पांच हजार का जुर्माना अलग से लगाया गया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार रजपुरा क्षेत्र के गांव जहानपुर निवासी राजवीर ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 7 अगस्त 2006 की रात उनके भाई चेतराम व भतीजा मनवीर गांव के महेंद्र सिंह के खेत में बटाई पर बोई गई मक्का की फसल की रखवाली करने गए थे। रात में वह रखवाली कर रहे थे। लगभग एक बजे सात-आठ लोग खेत पर पहुंचे। चेतराम और मनवीर को खेत से खींचकर थोड़ी दूर ले गए और दोनों को गोली मार दी। चेतराम की मौत हो गई और मनवीर गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में घायल की भी मौत हो गई थी। मनवीर ने अपनी मौत से पहले घटना करने वाले आरोपियों के नाम बताए थे। जिसमें हमलावर नीरज, अतर सिंह व उनके पिता खुशीराम, राकेश, टीटू उर्फ हरिकिशोर, सोमवीर, वीरेंद्र पुत्र दरियाब सिंह, तोताराम, बलधारी पुत्र सियाराम, तिलक सिंह थे। सभी आरोपी उनके गांव के थे। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना की। साक्ष्यों को संकलित करके आरोपी नीरज, अतर सिंह, राकेश और टीटू उर्फ हरिकिशोर के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। जहां बाद में न्यायालय ने धारा 319 दंड प्रक्रिया संहिता की कार्रवाई करते हुए खुशीराम, तोताराम, बलधारी, तिलक सिंह, वीरेंद्र और सोमवीर को आरोपी बनाकर विचारण के लिए तलब किया। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर और दलीलों को सुनने के बाद पिता-पुत्रों सहित सभी दस आरोपियों को सजा सुनाई है।

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