शाहजहांपुर: भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का खुलासा, पांच अधिकारियों पर जांच

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Published By Preeti Kohli
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शाहजहांपुर, अमृत विचार: प्रशासनिक जांच में स्वास्थ्य विभाग की लगातार परतें उधड़ रही हैं। अब भर्तियों में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। आयुष एमओ, एलएमओ व योगा स्पेशलिस्ट के 46 पदों पर अपने चहेतों को भर्ती करने के लिए अधिकारियों ने नियमों में अपने मन मुताबिक बदलाव कर दिया। खास बात यह कि नियुक्ति कमेटी की अध्यक्ष होने के बाद भी सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह को पूरी प्रक्रिया से बाहर रखा गया।

सिर्फ इंटरव्यू के समय उनके पास फाइल भेजी गई। तत्कालीन सीएमओ ने खुद ही तीन डाक्टरों की स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर डाली। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करते हुए इंटरव्यू के लिए पात्रों का चयन कर लिया और सूची एनआईसी पर अपलोड करा दी। इंटरव्यू कराने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। इसी बीच सीडीओ ने मामला पकड़ लिया और डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह के अनुमोदन के बाद भर्ती प्रक्रिया को रद कर दिया।

साथ ही नए सिरे से भर्ती निकालने के लिए स्वास्थ्य विभाग को आदेशित किया है। सीडीओ यहीं नहीं रुकी उन्होंने दोषपूर्ण तरीके से भर्ती की साजिश रचने वाले तत्कालीन सीएमओ डॉ. आरके गौतम सहित 5 स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई को शासन को लिख दिया है।

जनपद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयुष एमओ, आयुष एलएमओ और योगा स्पेशलिस्ट के रिक्त चल रहे 46 पदों पर भर्ती होनी थी। 22 नवंबर 2024 को तत्कालीन सीएमओ डॉ. आरके गौतम ने समाचार पत्रों में एक विज्ञप्ति निकाली। भर्ती प्रक्रिया सीडीओ की अध्यक्षता में पूरी की जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। तत्कालीन सीएमओ ने अपने चहेतों को लाभ देने के लिए खुद ही तीन डाक्टरों की स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर अभ्यर्थियों का चयन कर लिया।

सूची भी एनआईसी पर अपलोड करते हुए इंटरव्यू कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसके बाद तत्कालीन सीएमओ ने एक विज्ञप्ति निकाली। जिसमें कहा गया कि अगर किसी को इस भर्ती प्रक्रिया में कोई दिक्कत हो तो सीडीओ से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकता है। रिटायरमेंट के 15 दिन पहले ही डा. आरके गौतम ने इंटरव्यू तारीख लगवाने के लिए सीडीओ को 17 जनवरी को फाइल भेजी। सीडीओ ने संदेह होने पर गहनता से फाइल का परीक्षण किया तो तत्कालीन सीएमओ की मंशा से पर्दा उठ गया।

पता चला कि नियमों में फर्जीवाड़ा किया गया है। डिग्री के साथ-साथ तजुर्बे वाली शर्त शासन ने लगाई ही नहीं थी, फिर भी तत्कालीन सीएमओ ने यह शर्त अपनी तरफ से जोड़ दी। इसी तरह की कुछ अन्य गड़बड़ियां भी की गईं। बाद में सीडीओ ने पुरानी विज्ञप्ति, फाइल को रद्द करते हुए आयुर्वेदिक विभाग की भर्तियों पर रोक लगा दी। साथ ही सीएमओ आफिस को दोबारा नई फाइल चलाने को निर्देशित किया है। नियुक्तियों के लिए नई विज्ञप्ति निकालने का भी आदेश दिया है।

32 हजार प्रतिमाह दिया जाना था मानदेय
बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस या इसके समकक्ष डिग्री धारक भी बेरोजगारी की लाइन में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग में 32000 रुपये प्रति महीना मानदेय वाली नौकरी का विज्ञापन निकाला तो दावेदारों की होड़ लग गई। भारी संख्या में आवेदन हुए। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि तत्कालीन सीएमओ डॉ. आरके गौतम व उनकी टीम के अन्य सदस्यों ने फील्डिंग अच्छी लगाई लेकिन भर्ती रद होने से पूर्व सीएमओ सहित उनकी टीम को झटका लग गया है।

रिटायर्ड सीएमओ डॉ. आरके गौतम की ओर से भर्ती में अनुभव वाली जो शर्त दर्शाई गई थी, वह वास्तव में थी ही नहीं। पूर्व सीएमओ ने पूरी विज्ञप्ति को त्रुटिपूर्ण तरीके से प्रकाशित कर स्क्रीनिंग कमेटी खुद बनाकर बिना कोई जानकारी सारी प्रक्रिया कर ली। जब इंटरव्यू के लिए फाइल भेजी तो मुझे पता चला कि भर्ती प्रक्रिया में मैं अध्यक्ष थी। इसके बावजूद मुझे बताए बिना प्रक्रिया कर ली गई। भर्तियों को रद कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच के लिए शासन को लिखा गया है- डॉ. अपराजिता सिंह, सीडीओ

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