पीलीभीत: 10 साल बाद बीसलपुर चेयरमैन के पति को मिली राहत, मुकदमे में तीन दोषमुक्त

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: अपर सत्र न्यायाधीश बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम छांगुर राम ने दस साल पुराने एक मामले की सुनवाई के बाद बीसलपुर चेयरमैन के पति मोहल्ला हबीबुल्ला खां शुमाली निवासी अमन जायसवाल उर्फ निक्की, त्रिलोकीनाथ और मोहल्ला दुर्गाप्रसाद के निवासी मुकेश जायसवाल को धोखाधड़ी से बैनामा कराने, अपहरण, घर में घुसकर मारपीट व गाली गलौज आदि आरोपों में दोषमुक्त कर दिया है।

बता दें कि बीसलपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में मोहल्ला दुबे निवासी नंदकिशोर पुत्र देवी दयाल ने बताया था कि उसके पिता के नाम ग्राम चौसर पड़िया में जमीन है। जमीन को उसके पिता व चाचा रामप्रसाद ने 1035714 रुपये में मोहल्ला हबीबुल्ला खां शुमाली निवासी त्रिलोकीनाथ जायसवाल, मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी मुकेश जायसवाल को बेची थी। ढाई लाख रुपये इकरारनामा के वक्त बयाना लिया गया। 

16 दिसंबर 2014 की दोपहर दो बजे आरोपी त्रिलोकीनाथ, अमन जायसवाल उर्फ निक्की और मुकेश जायसवाल दो अज्ञात साथियों के साथ असलहों से लैस होकर घर में आ गए। पीड़ित के पिता से गाली गलौज कर धमकाया। आरोप है कि घसीटते हुए घर से ले गए। पीड़ित के पिता देवीदयाल जब देर शाम तक घर नहीं आए तो वह आरोपी त्रिलोकीनाथ के घर पिता के बारे में जानकारी करने गए। वहां पता चला कि आरोपी त्रिलोकीनाथ ने उसके पिता को बंधक बनाया और जबरन बैनामा के कागजात पर हस्ताक्षर कराकर छोड़ दिया। 

पिता को अपहरण कर बंधक बनाने आदि धाराओं में कार्रवाई की मांग की गई। कोतवाली बीसलपुर पुलिस ने पांच जनवरी 2015 को एफआईआर दर्ज की। विवेचना के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। न्यायालय ने तीन अप्रैल 2017 को तीनों आरोपियों त्रिलोकीनाथ जायसवाल, अमन जायसवाल और मुकेश जायसवाल के खिलाफ आरोप विरचित किए। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (बलात्कार एवं पॉक्सो अधिनियम) छांगुर राम की अदालत में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली का परिशीलन करने के उपरांत तीनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए लगाए गए आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है।

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