Kanpur में डिप्टी सीएम ने ग्रामीण भाषा में किया संवाद, बोले- ‘कहां हैं प्रधान? कउनो प्रधान इय्हां आवा है का’, खूब बजीं तालियां

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। सीएसए विवि में बुधवार को कृषि थीम पर आधारित विचार गोष्ठी व संवाद कार्यक्रम में लोगों को डिप्टी सीएम का बदला हुआ रूप नगर आया। उन्होंने पूरा संवाद ग्रामीण भाषा में किया। इसके साथ ही यह भी कहा कि ‘हम कउनो भाषण दिए थोड़े न आए हैं’। डिप्टी सीएम के इस अंदाज से सभागार में आए लोगों का उत्साह बढ़ गया। ‘कहां हैं प्रधान? कउनो प्रधान इय्हां आवा है का’ पर खूब तालियां बजी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने माइक पर आते ही लगभग 9 मिनट बाद अपनी संवाद शैली बदल दी। बदली हुई संवाद शैली में उन्होंने पूरा संवाद ग्रामीण भाषा में बातचीत के लहजे में दिया। 

अपनी शैली बदलने से पहले उन्होंने कॉडलेस माइक भी मंगाया। इसके बाद मंच पर टहल-टहल कर लोगों से बातचीत की। डिप्टी सीएम के ‘हमका इ बताओ गरीबन का पक्का मकान मिला के न मिला’, ‘पहिले ट्रांसफार्मर के फुकेय पर गांव से ट्रॉली मगाए जात रहे के न मंगाए जात रहे’ और ‘सपा सरकार में सकूलन माय गाय्यन का चारा भरा राहत राहे के न राहत रहे’ जैसे संवाद की तारीफ हुई। इसी तरह जब उन्होंने गांव की योजनाओं की बात करते हुए प्रधान को पुकारा तो ‘‘कहां हैं प्रधान? कउनो प्रधान इय्हां आवा है के न आवा है’’ और ‘प्रधान जी बताओ अब कउनो कहत है कि बस्ता समेट देबे’ जैसे संवाद पसंद किए गए। डिप्टी सीएम के इस शैली के संवाद की कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी चर्चा होती रही। 

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