जिला पंचायत में 7 व सिंचाई विभाग में नौ कर्मचारी मिले गैरहाजिर: Kanpur DM ने दोनों कार्यालयों का किया औचक निरीक्षण, वेतन रोकने का निर्देश

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार को जनता दर्शन के निर्धारित समय पर जिला पंचायत कार्यालय और सिंचाई विभाग के मंडलीय कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। सुबह 10.40 बजे तक दोनों विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद खराब मिली। जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए गैरहाजिर कर्मियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। 

जिलाधिकारी शुक्रवार सुबह 10.25 बजे जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया तो हैरानी जताई। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत भी गैरहाजिर मिले। हालांकि उन्होंने फोन पर जानकारी दी कि जिलाधिकारी के निर्देश पर ही वह विकास खंड सरसौल में भदासा रोड से टीकेश्वर धाम होते हुए कालिका जूनियर विद्यालय धमना रोड के निरीक्षण पर हैं। वहीं कार्यालय में तैनात 8 कर्मचारियों में पुष्पा देवी प्रशासनिक अधिकारी, महेश प्रसाद तिवारी अनुभागीय मुख्य लिपिक, विभव गर्ग लिपिक, गीतेश अंजली लिपिक अनुपस्थिति मिली। इन कर्मचारियों को गैरहाजिर मानते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि उनकी अनुमित के बिना वेतन न दिया जाए।

वहीं कार्यालय में मौजूद अभियंता सतेंद्र कुमार ने बताया कि पांच कार्मिकों की तैनाती है, मगर उनके नाम उपस्थिति पंजिका में अंकित नहीं मिले। इस पर डीएम ने अपर मुख्य अधिकारी को निर्देशित किया कि क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के कार्यों का विवरण उपस्थिति पंजिका, भ्रमण पंजिका में उपलब्ध न होने के संबंध में अपनी विस्तार आख्या उपलब्ध कराए। इसके बाद जिलाधिकारी ने परिसर में ही स्थित वित्तीय परामर्शदाता कार्यालय का भी निरीक्षण किया। यहां शालिनी सिंह लेखाधिकारी, विनोद कुमार लेखाकार, अपर्णा यादव गैरहाजिर मिली। शालिनी सिंह ने जानकारी दी कि उनके पास सीएसए, एचबीटीयू व जिला पंचायत का वित्तीय प्रभार है। इस पर उन्हें उपरोक्त कार्यालयों में कार्य रोस्टर उपलब्ध कराने व गैरहाजिर कर्मियों का वेतन रोकने का निर्देश दिया। कुल सात कर्मचारी गैरहाजिर मिले। 

14 में नौ कर्मचारी मिले गैरहाजिर 

जिलाधिकारी ने जिला पंचायत कार्यालय के बाद सिंचाई विभाग के मंडलीय कार्यालय का निरीक्षण किया। यहां की स्थिति और भी खराब मिली। 14 कर्मचारियों में नौ गैरहाजिर मिले। सुपरीटेंडेंट इंजीनियर (एसई) राकेश चौबे भी 10.40 बजे तक कार्यालय से गैरहाजिर मिले। जिलाधिकारी ने हाजिरी रजिस्टर का अवलोकन खुद एक-एक कर्मचारियों का नाम पुकारा और उपस्थिति लगाई। जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए गैरहाजिर कर्मचारियों का उक्त दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया।

शासन की नीति के तहत 10 से 12 बजे तक जनता दर्शन होना चाहिए। लेकिन 10.40 बजे तक कर्मचारी कार्यालयों से गैरहाजिर हैं। इससे साफ दिखता है कि अनुशासन की कमी है। विभाग के दायित्व तय किए जाएंगे। लापरवाही पर कार्यवाही होगी।  -जितेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी

डीएम निरीक्षण का जोड़ 

पशु चिकित्सालय का किया निरीक्षण 

जिलाधिकारी ने शुक्रवार को रायपुरवा स्थित एसपीसीए पशु चिकित्सालय का निरीक्षण किया। इस दौरान नगरनिगम से तैनात आठ कर्मचारी उपस्थित और अपने दायित्वों का निर्वहन करते मिले। जिलाधिकारी ने चिकित्सालय में मौजूद पशु-पक्षियों के उपचार व देखभाल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और पशु कल्याण प्रेमी डॉ. अर्चना त्रिपाठी से पशुओं की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने डॉ. अर्चना त्रिपाठी से कहा कि एसपीसीए में छोटे-बड़े सभी आवश्यक कार्यों की एक सूची तैयार कर उपलब्ध कराएं। जिससे जरूरत के अनुसार कार्यों को कराया जा सके।

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