लखीमपुर खीरी : सरकारी मशीनरी को गच्चा देने में माहिर स्कूल प्रबंधन
शासन की मार से बच निकलने के लिए अपना रखे हैं हथकंडे
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। निजी स्कूल संचालक शिक्षा के नाम का व्यवसाय कर रहे हैं। इसलिए कोर्स में महंगी से महंगी किताबें लगा रखी हैं। इसकी वजह बच्चों को शिक्षा देने से ज्यादा अपनी तिजोरी भरना है। इसके लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, जिससे शासन के नियमों से बच सकें। स्कूल प्रबंधक पहले विद्यालय से लेकर एक निश्चित दुकान से कोर्स, ड्रेस आदि खरीदने भेजते थे। मगर,अब चार से पांच दुकानों पर कोर्स मुहैया करवा रहे हैं। ऐसा इसलिए है कि छापेमारी के दौरान शासन की चपेट में न आ सकें। इसका खुलासा डीआईओएस की छापेमारी में हुआ।
जिले में यूपी बोर्ड के करीब 210, सीबीएसई बोर्ड के 25 और आईसीएसई बोर्ड के पांच निजी विद्यालय हैं। इसकी तरह निजी क्षेत्र के बेसिक स्कूलों की संख्या भी करीब 150 है। नवीन शैक्षिक सत्र शुरू होते ही ड्रेस एवं कोर्स आदि की बिक्री के लिए हर स्कूल की दुकान निर्धारित हो जाती है। मगर, इस बार अधिकारियों से बचने के लिए स्कूल प्रबंधन ने एक की बजाय चार से पांच दुकानें निर्धारित करने का हथकंडा अपना लिया है। इसका खुलासा डीआईओएस के निरीक्षण में हुआ। निरीक्षण के दौरान नोटिस बोर्ड पर चस्पा मिली पांच छह नाम वाली बुक सेलरों की सूची को लेकर स्कूल प्रबंधकों का तर्क था कि अभिभावकों की जानकारी के लिए लिस्ट लगा रखी है।
अभिभावकों की चुप्पी दे रही स्कूल प्रबंधकों की मनमानी को बढ़ावा
स्कूल प्रबंधकों की मनमानी को अभिभावकों की चुप्पी बढ़ावा दे रही है। न तो अभिभावक कोर्स के मामले में विरोध करते हैं और न ही कोर्स खरीदते समय दुकानदारों से पक्का बिल लेते हैं। बताते हैं कि सोमवार को एक पुस्तक विक्रेता के यहां छापेमारी में टीम के लोगों ने मौजूद अभिभावकों से बात करनी चाहिए, लेकिन सभी मुकर गए।
छापेमारी के बाद कार्यालय पर पुस्तक विक्रेताओं एवं स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक कर निर्धारित दुकान से कोर्स आदि खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य न करने की चेतावनी दी है। यदि इसके लिए अभिभावकों को बाध्य किया जाता है तो वह इसकी लिखित शिकायत करें। जांच कर कार्रवाई होगी। -डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, डीआईओएस
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