Kanpur में तीन लोगों की मौत का मामला: चालक ने कहा था- आज जाने का मन नहीं है मम्मी, बेहोश होकर गिरी पत्नी, बोली- सपना सच हो गया

Kanpur में तीन लोगों की मौत का मामला: चालक ने कहा था- आज जाने का मन नहीं है मम्मी, बेहोश होकर गिरी पत्नी, बोली- सपना सच हो गया

कानपुर, अमृत विचार। कार चालक विशाल की मां एकलौते बेटे का शव देखकर बेसुध हो गईं। बोली सुबह बेटे ने कहा था कि मां आज जाने का मन नहीं है। लेकिन शिक्षिकाओं का क्या होगा। इसलिए जा रहे हैं। अगर न जाता तो मेरा इकलौता चिराग जल रहा होगा। वहीं विशाल की पत्नी तान्या कई बार बेहोश हुई। तान्या ने रोते हुए बुआ सास ने कहा कि 10 दिन पहले सपना देखा था कि उसके मंगलसूत्र का धागा टूट गया है। इसलिए उतार दिया था। आज वह सपना सच हो गया। 

विशाल तीन बहनों में एकलौता था। उसकी तीनों बहनें आरती, ईशू, निप्पी की शादी हो चुकी है। उसकी शादी 7 मार्च 2024 को हुई थी। पिता श्रीकांत प्राइवेट नौकरी करते है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसने करीब 9 माह पहले सेकेंड हैंड कार खरीदी थी और अच्छी बचत हो, इसलिए खुद ही कार चलाता था। 

शिक्षकों की हादसे में मौत की खबर पर पहुंची बीएसए 

दो शिक्षिकाओं की हादसे में मौत की खबर पाकर उन्नाव बीएसए संगीता सिंह और करीब 50 से अधिक शिक्षक पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। गमगीन शिक्षक परिजनों को ढ़ाढस बंधाते रहे। विश्व बैंक बर्रा निवासी शिक्षिका अंजुला के पति आनंद मिश्रा एक फाइनेंस कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटियां सोनिमा व परनिका हैं। अंजुला के स्कूल जाने के बाद वह दोबारा सो गए थे। इसी बीच एक शिक्षिका का फोन आने पर घटना की जानकारी हुई तो विश्वास नहीं हुआ। काफी सहम जाने के कारण बेटियों को कुछ नहीं बताया। 

पति को दिल्ली में शिफ्ट कराने गईं थीं आकांक्षा 

नया शिवली रोड निवासी शिक्षिका आकांक्षा के पति एयरफोर्स में हैं। चकेरी से उनका दिल्ली ट्रांसफर हुआ है। इसलिए आकांक्षा 10 दिन के लिए दिल्ली गई थीं। पति को शिफ्ट कराने के बाद लौटीं तो कई दिन अवकाश पड़ गया। करीब 13 दिन बाद मंगलवार को स्कूल जाने के लिए निकली थी। उनके एक बेटा गौरंगा है। शिक्षिकों ने बताया कि दोनों शिक्षिकाओं की अभी कच्ची गृहस्थी है। दोनों के बच्चे अभी बहुत छोटे हैं। 

प्रशासन से मांगा मुआवजा 

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनुपम मिश्र ने कहा कि सरकार और प्रशासन से मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो और शिक्षिकाओं के पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। जिससे बच्चों की देखरेख हो सके।

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