संभल में बोले रामभद्राचार्य...खोदाई में मंदिर मिलेगा तो हम उसे लेकर रहेंगे
बहजोई, अमृत विचार। बहजोई में चल रही श्री राम कथा अमृत वर्षा के चौथे दिन जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि संभल में किसी भी जमीन की खुदाई में मंदिर निकलेगा तो हम उसे लेकर ही रहेंगे। गुंडागर्दी की सीमा होती है सभी को भारतीय संविधान के दायरे में रहना होगा। एक राष्ट्र में दो संविधान नहीं चले हैं और न ही चलेंगे। उन्होंने सूर्य नारायण से हनुमान जी की शिक्षा का प्रसंग सुनाया तो सभी मौजूद श्रोताओं ने जय श्री राम व जय हनुमान का जय घोष किया।
हीरा देवी तोताराम इंटर कॉलेज में चल रही श्री राम कथा की अमृत वर्षा के चौथे दिन जगतगुरु रामभद्राचार्य जैसे ही मंच पर पहुंचे तो मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्री राम का जयघोष कर उनका स्वागत किया। इसके बाद चरण पादुका का पूजन किया गया। उन्होंने रामकथा का शुभारंभ मंगल मूरत नंदन सकल अमंगल तथा सीताराम जय हनुमान संकीर्तन के साथ किया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि संभल में किसी भी जमीन की खुदाई में मंदिर निकलेगा तो हम लेकर रहेंगे। गुंडागर्दी की सीमा होती है। सभी को भारतीय संविधान के दायरे में रहना होगा। हम सभी सरकारों से आग्रह करते हैं कि जिन मंदिरों पर अधिग्रहण किया गया है उसे हटाया जाए।
उन्होंने हनुमान चालीसा की एक चौपाई पढ़ते हुए शंकर स्वयं केसरी नंदन तेज प्रताप महा जग वंदन हनुमान जी के धैर्य संयम की आवश्यकता है। हनुमान जी को सभी देवी देवताओं ने अपने-अपने वरदान दिए हैं। उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने सूर्य देव को अपना गुरु मानकर उनसे शिक्षा प्राप्त की थी। हनुमान जी ने सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए प्रार्थना की और गुरु बनने का निवेदन किया। सूर्य देव हनुमान जी को अपने रथ पर ही चलते हुए ज्ञान देने को तैयार हो गए। इसके बाद हनुमान जी ने सूर्य देव से सभी वेदों और शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया। वह भगवान शिव के अंश अवतार हैं। उन्हें अंजनी और केसरी के पुत्र के रूप में जाना जाता है। माता-पिता ने उन्हें सूर्य देव से शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा था।
हनुमान जी ने सूर्य देव को प्रसन्न करके प्रार्थना की और गुरु बनाया। अंत में संकीर्तन के साथ महा आरती का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने हनुमान जी व भगवान राम का गुणगान किया। प्रसाद पाकर पुण्य लाभ कमाया। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी व संभल सीओ अनुज कुमार चौधरी ने जगतगुरु रामभद्राचार्य का माला पहनकर स्वागत कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान शिवकुमार वार्ष्णेय, अरविंद कुमार वार्ष्णेय एडवोकेट, गौरी शंकर माल बाबू, विपिन कुमार, तीरथ वार्ष्णेय, अमित कुमार, विपिन कुमार अतरासी आदि मौजूद रहे।
