लखीमपुर खीरी: कोर्ट के आदेश पर दरोगा व सिपाही समेत चार पर दलित उत्पीड़न की FIR

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Published By Monis Khan
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गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार। कोतवाली क्षेत्र के गांव रामपुर गोकुल की एक दलित महिला ने कोर्ट के आदेश पर एक दरोगा, सिपाही सहित चार पर दलित उत्पीड़न, मारपीट और जातिसूचक गालियों के मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

क्षेत्र के गांव रामपुर गोकुल निवासी दलित ऊषा देवी का कहना है कि गांव के ही दबंगों वीरेन्द्र उर्फ गुड्डू, दीपू थाना गोला के पुलिसकर्मी ज्ञान प्रकाश मिश्रा दरोगा और अवनीश हल्का सिपाही ने उन्हें और उनके परिवार का बेवजह लंबे समय तक शोषण किया। आरोपी जबरन उनसे घरेलू व खेतिहर मजदूरी करवाते थे और इसके बदले में किसी प्रकार का मेहनताना नहीं दिया जाता था। जब ऊषा देवी और उनके पति ने यह कार्य करने से मना किया तो 17 अक्टूबर 2024 को उनके 12 वर्षीय पुत्र युवराज को पीटकर घायल किया। पीड़िता जब अपने पुत्र को बचाने गई, तो उसे भी मारा गया, उसके कपड़े फाड़े गए और सार्वजनिक रूप से जातिसूचक गालियां दी गईं। 

उसने घटना की सूचना कोतवाली पुलिस को दी, पर उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई और न ही किसी प्रकार का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। उल्टे थाना पुलिस ने उसे और उसके पति पर आरोपियों से सुलह करने का दबाव बनाया गया। आरोप है कि जब उन्होंने सुलह से इन्कार किया तो 23 अक्टूबर को दोबारा आरोपियों ने उनके घर पर धावा बोला। पहले वीरेन्द्र और दीपू आये और गालियां देते हुए धमकी दी। कुछ देर बाद हल्का सिपाही अवनीश और दरोगा ज्ञान प्रकाश मिश्रा घर में घुसे, जातिसूचक गालियां देते हुए हाथापाई की।

उन्होंने ऊषा देवी को धक्का देकर गिरा दिया गया, जिससे उन्हें चोटें आईं। बाद में गांव के लोगों के सामने उन्हें घसीटते हुए अपमानित किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़िता ने डीएम, एसपी और पुलिस महानिदेशक लखनऊ को शिकायत पत्र भेजी। जब कहीं से सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने 25 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पोर्टल और ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई। बावजूद इसके कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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