लखनऊ: फैजुल्लागंज में लगी भीषण आग, पुलिस और फायर ब्रिगेड मौक पर

लखनऊ, अमृत विचार। फैजुल्लागंज के श्याम बिहार कालोनी स्थित झुग्गी बस्ती में सोमवार सुबह 8 बजे आग लग गई। सिलिंडर फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया। एक के बाद एक 14 रसोई गैस सिलिंडर फटने से दहशत फैल गई। सूचना मिलने पर पहुंचीं चार फायर स्टेशन की आठ दमकल की गाड़ियों की मदद से चार घंटे में आग पर काबू पाया गया। आग की चपेट में आने से 64 से अधिक झोपड़ी जलकर राख हो गई। सीएफओ के मुताबिक आग खाना पकाते समय लगी है। कालोनी के कुछ मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
फैजुल्लागंज की श्याम विहार कॉलोनी में नीरज मौर्या उनके परिवार के ओम प्रकाश और राम प्रकाश के तीन प्लॉट हैं। तीनों प्लॉट में 150 परिवार झोपड़ी डालकर रहता है। ओम प्रकाश के प्लॉट में रहकर रहीम अली कबाड़ का काम करता है। रहीम के मुताबिक सुबह 8:30 बजे पत्नी गैस चूल्हे पर खाना बना रही थी। वह काम पर निकल गया था, बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहे थे। इसी बीच अचानक सिलिंडर में आग लग गई। पत्नी ने आग पर पानी डालकर काबू करने का प्रयास किया लेकिन आग बढ़ने लगी। परिवार को घिरता देख रहीम की पत्नी बच्चों को लेकर बाहर भागी। इसी बीच तेज धमाके के साथ सिलिंडर फट गया।
रहीम की झोपड़ी से आग की लपटें निकलती देख आसपास रहने वाले लोग शोर मचाते हुए बाहर भागे। एक-एक कर आग ने कई झोपड़ियों को अपनी जद में ले लिया। लपटों में देखते-देखते 64 झोपड़ियां आ गई। अंदर रखे फ्रिज के कंप्रेसर और 14 रसोई गैस सिलिंडर एक-एक कर फटने लगे। तेज धमाकों के कारण पूरा इलाका दहल गया। भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। बस्ती के लोग बल्टी व डब्बों में नालियों का पानी भरकर आग पर फेंकने लगे।
इसी बीच पड़ोसियों ने घरों में लगे सबमर्सिबल चालू कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग बढ़ती गई। करीब 20 मिनट में सीएफओ मंगेश कुमार और एफएसओ बीकेटी प्रशांत कुमार दो गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंच गए। दमकल कर्मी आग बुझाने में जुट गए। वहीं, एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह, इंस्पेक्टर मड़ियांव, शिवानंद मिश्रा व पुलिस टीम में घटना स्थल पर आ गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए कई एंबुलेंस भी बुलाई गईं।
धुएं के कारण सांस लेने में हुई दिक्कतें
झोपड़ी से निकलने वाला काला धुआं आसपास के आधा किलोमीटर के इलाके में फैल गया। इसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी। वहीं, चारों तरफ अंधेरा छा गया। दमकल कर्मियों ने बीआर सेट पहने और आग पर काबू पाने में जुट गए। आग की विकरालता को देखते हुए फायर स्टेशन चौक, फायर स्टेशन इंदिरानगर, फायर स्टेशन गोमती नगर, आलमबाग और हजरतगंज से भी गाड़ियां मंगवाई गईं।
दमकल ने पहले बचे हुए सिलिंडरों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर रखा। फिर कर्मी दो टीमों में बट गए। एक टीम प्लॉट संख्या एक से तो दूसरी टीम संख्या तीन से आग पर काबू पाने में जुटी रही। कड़ी मशक्कत के बाद सुबह 11:30 बजे तीन घंटे बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
17 सौ रुपये हर महीने वसूलते हैं प्लॉट मालिक
झोपड़ी में रहने वालीं तेजीमाला ने बताया कि तीनों प्लॉट के मालिक नीरज मौर्या, ओम प्रकाश और राम प्रकाश प्रति झोपड़ी लोगों से हर माह 17 सौ रुपये किराया लेते थे। इन्हें बिजली कनेक्शन भी दिया गया था। गनीमत रही कि हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। रिहायशी इलाके में बनी झोपड़ियों में लोग करीब 20 साल से रह थे। तीनों प्लॉट में करीब 150 झोपड़ियां बनी हुई है। झुग्गी बस्ती के कारण वहां रहने वाले अन्य लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।
बच्चों को लेकर भागे, गृहस्थी जलकर राख
आग का दायरा जैसे बढ़ा तो लोग अपनी और बच्चों की जान बचाने में जुट गये। किसी तरह अंदर मौजूद बच्चों और परिवार के लोगों को लेकर भागे। सभी के सामान व नकदी अंदर ही रह गये। उनकी आंखों के सामने पूरी गृहस्थी जलकर राख हो गई। घटना स्थल पर पहुंचने में दमकलकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। संकरी गलियों के कारण गाड़ियों के पहुंचने काफी देर हो गई। हादसे के बाद प्रशासन की टीम मोके पर पहुंची। सभी पीड़ितों की सूची तैयार की।