बदायूं: अभी 16 की भी नहीं हुई थीं, पर हो रही थी शादी...टीम ने समय रहते रुकवाया बाल विवाह

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बदायूं, अमृत विचार: अक्षय तृतीया के अवसर पर चाइल्ड हेल्पलाइन और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने एक ही गांव की तीन बालिकाओं के विवाह रुकवाए। टीम टोल फ्री नंबर 1098 पर प्राप्त सूचना के आधार पर गांव पहुंची थी। वहां जाकर बालिकाओं के परिजनों को समझाया गया।

बुधवार को टोल फ्री नंबर पर सूचना मिली कि थाना उसहैत क्षेत्र के एक गांव में तीन बालिकाओं के विवाह कराए जा रहे हैं। तीनों की शादी की तिथियां क्रमशः 3 मई, 4 मई और 8 मई को तय थीं। चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक कमल शर्मा ने जिला प्रोबेशन अधिकारी, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बाल कल्याण समिति को सूचना दी।

परियोजना समन्वयक कमल शर्मा, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्रभारी अजय कुमार, उसहैत के उपनिरीक्षक तिलक राम, सिपाही रवि, उदयपाल, विकास कुमार, विक्की वर्मा और रितु गांव पहुंचे। टीम ने तीनों बालिकाओं और उनके परिजनों से मुलाकात की और उम्र संबंधी साक्ष्य मांगे।

तीनों बालिकाओं की उम्र लगभग 16 वर्ष पाई गई। परिजनों ने भी बालिकाओं की उम्र 16 वर्ष के आसपास होने की पुष्टि की। टीम ने बालिकाओं के पिता को बाल विवाह न करने के लिए समझाया। साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और इसके दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि यदि किसी बालिका की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले कराई जाती है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बालिकाओं के पिता ने कानून की जानकारी न होने की बात कही और शपथ पत्र दिया कि वे 18 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद ही बेटियों की शादी करेंगे। लड़कियों को बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

पिछले सप्ताह भी इसी गांव में एक बाल विवाह रोका गया था। समन्वयक कमल शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अब तक 5 बाल विवाह रुकवाए जा चुके हैं। जिले में बाल विवाह की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई के धनंजय पाठक, ग्राम प्रधान शिवरानी और प्रधान पति शेर सिंह आदि भी उपस्थित रहे।

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