लखीमपुर खीरी: कानून के डर से बेखौफ लकड़ी तस्कर, वन विभाग की चुप्पी बरकरार

Amrit Vichar Network
Published By Preeti Kohli
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निघासन, अमृत विचार: दुधवा टाइगर रिजर्व के बफरजोन की मझगईं वन रेंज के तहत गांव महेंद्र नगर में भारी संख्या में सागौन की लकड़ी पकड़े जाने के मामले में अपने कर्मचारियों की गर्दन फंसती देख वन विभाग कार्रवाई करने की बजाय पर्दा डालने की कोशिश में जुट गया है।

शायद यही वजह है कि लकड़ी बरामद होने के दो दिन बाद भी वन विभाग आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। डीएफओ लकड़ी की नपाई होने की बात कह रहे हैं। 

गांव महेंद्र नगर निवासी लखविंदर कौर की शिकायत पर खीरी नॉर्थ के डीएफओ को खेत से सागौन के पेड़ों के कटान की शिकायत की थी। महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि विपक्षी जीत सिंह, रंजीत सिंह, राजू से उसका जमीनी विवाद है। वाद न्यायालय में विचाराधीन है।

विपक्षी ने सिंगाही कस्बे इकबाल नाम के ठेकेदार को पेड़ बेंच दिए हैं, जिसने बिना परमिट बनवाए जबरन पेड़ काट कर विपक्षी के घर डंप कर दिया है। डीएफओ नार्थ के आदेश पर पहुंची मझगई वन रेंज की टीम ने मौके पर जांच पड़ताल की।

इस दौरान मकान के बाहर वेशकीमती सागौन के सैकड़ों बोटे के ढेर लगे मिले, जिसे टीम ने कब्जे में भी नहीं लिया और पूछताछ करने के बाद वापस लौट आई। टीम में शामिल सूत्रों ने बताया कि जांच 182 मुड्ढियां खेत और 50 उखड़ी हुई मुड्ढियां सरयू नदी की तलहटी में मिली है।

इससे साफ है कि खेत में लगे पेड़ों की आड़ में दुधवा जंगल से भी वेशकीमती लकड़ी का कटान किया गया है। हालांकि मंगलवार की शाम छापे के बाद से डीएफओ और मझगई रेंजर अंकित सिंह ने जांच की बात कहकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया था।

मामले में दो दिन बीतने के बाद कार्रवाई के नाम पर नतीजा सिफर है, डीएफओ नॉर्थ सौरीश सहाय ने बताया कि वन विभाग की टीम पकड़ी गई सागौन की लकड़ी के बोटों की नपाई और गिनती कर रही है। डंप की गई लकड़ी में जंगली लड़की होने की भी आशंका जताई जा रही है। पूरे मामले की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।  

बफरजोन के साथ दुधवा टाइगर रिजर्व में भी पेड़ों पर चल रहा आरा
बफर जोन की मझगईं रेंज के तहत लकड़ी कटान का यह कोई मामला पहला नहीं है। स्थानीय वन कर्मचारियों की मिलीभगत से हरियाली के दुश्मन हरे-भरे पेड़ों पर आरा चलाते रहे हैं। बताते हैं कि वनाधिकारियों से सांठगांठ करने के बाद लकड़ी माफिया दो-चार पेड़ों का परमिट लेकर उस पर सैकड़ों पेड़ काट लेते हैं। जब मामला पकड़ में आता है तो ठेकेदार पर जुर्माने की कार्रवाई कर विभाग अपना पल्ला झाड़ लेता है। 

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