Kanpur: जाजमऊ के एसटीपी में पहुंचा खतरनाक क्रोमियम, आईआईटी की जांच में खुलासा, हटाने में खर्च होंगे 45 करोड़, बनाया गया प्रस्ताव
अभिषेक वर्मा, कानपुर। जाजमऊ के 130 और 43 एमएलडी एसटीपी में खतरनाक क्रोमियम युक्त स्लज (कीचड़) को हटाने में करीब 45 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जलनिगम ग्रामीण ने टीएसडीएफ पद्धति (ट्रीटमेंट स्टोरेज एण्ड डिस्पोजल फैसिलिटी) से कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। आईआईटी की जांच में स्लज में क्रोमियम की मात्रा अधिक मिली है। गंगा नदी व आस-पास के लोगों को ध्यान में रखते हुये स्लज को हटाया जाना जरूरी है। इसको लेकर अधिकारियों ने स्लज को हटाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है और स्वीकृति व बजट जारी करने को लेकर मुख्य अभियंता (गंगा) को पत्र भेजा है।
राष्ट्रीय हरित अभिकरण नई दिल्ली (एनजीटी) में शहर के पनकी लैंडफिल साइट, एसटीपी पंखा, सजारी, स्लज और जल विश्लेषण से संबंधित प्रकरण विचाराधीन है। पिछले दिनों एनजीटी की एक टीम ने जाजमऊ के 130 और 43 एमएलडी एसटीपी के स्लज व पानी के नमूने शहर आकर लिये थे। इसके साथ ही जाजमऊ, बिनगवां, सजारी क्षेत्र में संचालित सीवेज शोधन संयन्त्रों से निकलने वाले स्लज का परीक्षण आईआईटी कानपुर से कराये जाने के निर्देश दिये थे। जिसपर संस्था केआरएमपीएल द्वारा आईआईटी कानपुर से स्लज की सैम्पलिंग का कार्य कराया था। आईआईटी की रिपोर्ट में सामने आया कि 130 एवं 43 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ से जनित स्लज में क्रोमियम तत्व की मात्रा अधिक है। स्लज का निस्तारण करने के लिये ट्रीटमेंट स्टोरेज एण्ड डिस्पोजल फैसिलिटी (टीएसडीएफ) पद्धति का उपयोग करने की सलाह आईआईटी ने केआरएमपीएल को दी थी।
प्रति किलो स्लज हटाने में खर्च होंगे 16 रुपये
भारत ऑयल एवं वेस्ट मैनेजमेंट लि. ने क्रोमियम युक्त स्लज को हटाने के लिये 16.01 रुपये प्रति किलोग्राम की दर का प्रस्ताव दिया। चूंकि 10 एमएलडी एसटीपी जाजमऊ पर कुल 79.50 टन प्रति दिन स्लज आता है। जिसका निस्तारण यदि 16 रुपये प्रति किग्रा की दर से किया जाये तो हर दिन 12.75 लाख रुपये खर्च होगा। जलनिगम ग्रामीण के मुख्य अभियन्ता (कानपुर क्षेत्र) सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह प्रति माह की दर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये 45 करोड़ 82 लाख, 6 हजार 200 रुपये की जरूरत होगी।
