UP Board: 35,000 फर्जी कक्ष निरीक्षक फंसे, सख्त कार्रवाई की तैयारी
Pawan Dwivedi, Prayagraj : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) वर्ष -2025 की परीक्षा के दौरान ऐसे 35,000 फर्जी कक्ष निरीक्षकों को चिह्नित किया है जिन्होंने बोर्ड परीक्षा के दौरान जिलों के डीआईओएस कार्यालय को धता बताकर परीक्षा में कक्ष निरीक्षक का कार्य करके पारिश्रमिक का भुगतान प्राप्त किया है, इतना ही नहीं जब इन कक्ष निरीक्षकों को बोर्ड के हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट की कापियों के मूल्यांकन के लिए बुलाया गया तो वह मूल्यांकन के लिए नहीं गये।
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने ऐसे कक्ष निरीक्षकों और परीक्षकों की जिलेवार सूची तैयार कर ली है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारियां शुरू हो गयी है। यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान करीब दो लाख कक्ष निरीक्षक लगाए गए थे। परीक्षा के दौरान जिलों में जरूरत के अनुसार कक्ष निरीक्षक लगाने की अनुमति संबंधित जिलों के डीआईओएस देते है। परीक्षा के दौरान केंद्र व्यवस्थापकों ने मानक का पालन ना करते हुए मनमानी कक्ष निरीक्षक बना लिया था जिसमें विद्यालय के प्रबंधक, प्रबंधक के बेटे, बेटी, बहू, नाती सहित अन्य रिश्तेदार और बाहरी लोग जो किसी भी विद्यालय में पढ़ाते नहीं थे उनको कक्ष निरीक्षक बना लिया था। बोर्ड परीक्षा के दौरान 500 से अधिक फर्जी कक्ष निरीक्षक पकड़े गए थे।
बोर्ड परीक्षा खत्म होने के बाद ऐसे कक्ष निरीक्षकों को मूल्यांकन के लिए बोर्ड ने बुलाया था लेकिन वह मूल्यांकन के लिए नहीं आये। इस दौरान बोर्ड परीक्षा में डिप्यूटी करने वाले कक्ष निरीक्षकों का पारिश्रमिक उनके खाते में पहुंच गया है। इससे बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक बने प्रबंधक, बेटे, बहू सहित अन्य रिश्तेदारों को भी बोर्ड से भुगतान हो गया है जिससे वह अब आर्थिक अपराध में फंस गये है और उनसे वसूली भी होगी। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि फर्जी कक्ष निरीक्षकों के खिलाफ विभागीय और आर्थिक अपराध की कार्रवाई होगी, जो पारिश्रमिक लिया है उसकी भी वसूली होगी।
यूपी बोर्ड : कापियों का कम मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों की तैयार हो रही सूची
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) बोर्ड की कापियों के मूल्यांकन के दौरान मानक से कम कापियों का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रहा है जिसकी जिलेवार सूची तैयार हो रही है। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की करीब तीन करोड़ कापियों का मूल्यांकन करने डेढ़ लाख परीक्षकों को करना था।
30-40 फीसदी परीक्षकों ने 15 दिन में कापियों का मूल्यांकन किया जबकि बड़ी संख्या में परीक्षकों ने प्रतिदिन पांच से 20 कापियों का मूल्यांकन किया जिससे जो मूल्यांकन तीन से चार दिन में पूरा होना था, वह 15 दिन में पूरा हुआ। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कौन परीक्षक कितनी कापियों का मूल्यांकन कितने दिन में किया है सूची तैयार होने के बाद कम कापियों का मूल्यांकन करने वाले परीक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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