आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई किशोरी, लोहिया में दो दिन तक नहीं मिला इलाज, बलरामपुर में थमीं सांसे

लखनऊ, अमृत विचार। बाराबंकी से इलाज की आस में आई किशोरी को समुचित इलाज न मिलने के कारण उसकी सांसें थम गईं। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती किशोरी ने बुधवार रात 12:34 बजे अंतिम सांस ली। इसके पहले वह लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में दो दिनों तक भर्ती रही थी। जहां आरोप है कि उसका इलाज नहीं किया गया। परिवारीजनों का आरोप है कि समय पर बेटी को मुकम्मल इलाज मिल जाता तो शायद जान बच जाती।
बाराबंकी फतेहपुर स्थित बेलहरा निवासी माया देवी (15) को करीब एक सप्ताह पहले पेट में दर्द व जलन हुई। पिता संतराम के मुताबिक पहले बेटी को नजदीक के डॉक्टर को दिखाया। इलाज से फायदा नहीं हुआ। उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। फिर उसे फतेहपुर के सरकारी अस्पताल में दिखाया था। यहां डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद मरीज को बाराबंकी जिला अस्पताल रेफर कर दिया था।
बाराबंकी जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज को देखा। हालत गंभीर बताते हुए लोहिया संस्थान रेफर कर दिया था। चार मई को परिवारीजनों माया देवी को लोहिया इमरजेंसी में भर्ती कराया था। मां ऊषा व पिता संतराम का आरोप था कि डॉक्टरों ने बेटी को समुचित इलाज मुहैया नहीं कराया था। नाराज परिवारीजन गंभीर अवस्था में मरीज को लेकर निजी अस्पताल चले गए। कुर्सी रोड स्थित निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी मरीज को समुचित इलाज मुहैया नहीं कराया था।
मंगलवार को दोपहर परिवारीजन बेटी को लेकर बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे। यहां भर्ती कर इलाज मुहैया कराया। रात 12:34 बजे मरीज की सांसें थम गई। पिता का आरोप है कि यदि समय पर बेटी को मुकम्मल इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच जाती। बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु ने बताया किशोरी को गंभीर हालत में लाया गया था। भर्ती कर तत्काल इलाज शुरू किया गया। अफसोस है कि उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
इस मामले की बुधवार तक भी कोई शिकायत नहीं आई है। यदि परिजन शिकायत करते हैं तो जांच की जाएगी। आरोप सही मिलने पर कार्रवाई होगी... डॉ. भुवन तिवारी, प्रवक्ता लोहिया संस्थान।