प्रयागराज : अफसरों की लापरवाही, 15 हजार बोरा गेहूं भींगा, पंजाब से आया था अनाज

प्रयागराज : अफसरों की लापरवाही, 15 हजार बोरा गेहूं भींगा, पंजाब से आया था अनाज

अमृत विचार : एफसीआई और उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के अफसरों की भारी लापरवाही से छिवकी जंक्शन यार्ड नैनी पर बीती रात हुई जोरदार बारिश में एफसीआई का हजारों बोरा गेहूं बारिश में भीग गया। तेज बारिश और आंधी के कारण यार्ड में रखा अनाज हटवाया नहीं  जा सका ना ही वह तिरपाल या पालीथीन से ढका जा सका जिसके कारण वह पानी में पूरी तरह से भीग गया। अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी सूचना मिली तो भागते हुए मौके पर पहुंचे और गेहूं की बोरियो को हटवाने लगे।

छिवकी जंक्शन नैनी में करीब दो किलोमीटर की दूरी तक गेहूं की रैक को लगाया गया है।  जंक्शन के लोगों ने बताया कि अमृतसर से आई 45 वैगन में लगभग 15 हजार बोरी गेहूं को रेलवे यार्ड रैक पर उतारकर खुले में रख दिया गया था। बारिश से भीगने के बाद अधिकारी और कर्मचारी सुबह धूप निकलने का इंतजार करते रहे जिससे धूप निकलने से अनाज की बोरियां सूख जाए और किसी को इस बात की भनक ना लगे कि गेहूं की बोरियां बारिश से भीगी है। छिवकी जंक्शन यार्ड में 15 हजार बोरी गेहूं को रैक में लगवाने के बाद उसे व्यवस्थित नहीं किया गया। बीती रात तेज आंधी और जोरदार बारिश के दौरान रेलवे और एफसीआई के अधिकारियों ने गेहूं की बोरियों को तिरपाल या मोटी प्लास्टिक से ढकने की जरूरत नहीं समझी। बारिश के बाद सुबह होते ही रेलवे और एफसीआई के अधिकारियों ने मजदूरों की मदद से भीगी बोरियों को हटवाना शुरू किया।

भीगी हुई गेहूं की बोरियों को तुरंत ट्रकों से एफसीआई गोदाम भेजा गया जिससे किसी की लोगों कु नजर ना पड़ सके। छिवकी जंक्शन के रेल हेड मैनेजर चितरंजन का कहना है कि बारिश अचानक हुई, इससे कुछ  बोरियां भीगी हैं । एफसीआई के असिस्टेंट मैनेजर नवीन कुमार ने बताया कि अचानक हुई बारिश में बोरियों को ढकने की व्यवस्था नहीं हो पाई इससे कुछ बोरियां भीग गई है।  एफसीआई अन्य प्रदेशों से अनाज मंगाकर अपने स्टोर में रखता है। यहां स्टोर करने के बाद सूची तैयार कर आगे सप्लाई की जाती है। गर्मी और बारिश के मौसम में कुछ अधिकारी और कर्मचारी गेहूं की बोरियों को भीगा या सड़ा साबित कर बाजार में बेच देते हैं। इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण  मामले का खुलासा नहीं हो पाता है इससे एफसीआई अफसरों का हौसला बुलंद हैं।

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