किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा, बरेली में आलू पैक हाउस की तैयारी

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Published By Preeti Kohli
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बरेली, अमृत विचार: जनपद में आलू पैक हाउस का निर्माण होगा, इससे निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगीं। इसके साथ ही बरेली मंडल के किसानों के साथ उत्तराखंड के किसानों, एफपीओ और निर्यातकों को लाभ मिलेगा। गुरुवार शाम मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कमिश्नरी सभागार में पैक हाउस बनाने के संदर्भ में बैठक कीं। इस दौरान आलू का पैक हाउस बनाने के लिए वाशिंग लाइन का होना महत्वपूर्ण बताया गया।

मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंडल स्तरीय विपणन अधिकारी और मंडी सचिव ने बताया कि तहसील नवाबगंज मंडी में पैक हाउस बनाए जाने के लिए पर्याप्त स्थान है, जिस पर मंडलायुक्त ने किसानों और निर्यातकों से उनके विचार और किस प्रकार की सुविधाएं उन्हें चाहिए, इस संबंध में चर्चा की।

एपीडा से डॉ. सीबी सिंह ने आनलाइन बैठक में उपस्थिति दर्ज कराते हुए पैक हाउस को बरेली के लिए उपयोगी बताया। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य पार्ट मंडी परिषद से होगा। मंडलायुक्त ने पूछा कि पैक हाउस में आमतौर से सार्टिंग/ग्रेडिंग व पैकेजिंग की सुविधा पर उपलब्ध होती है। 

इसके अतिरिक्त भी कोई सुविधा यदि निर्यातकों को चाहिए तो वह अपने विचार रख सकते हैं। उसे भी सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा, जिस पर किसानों, एफपीओ संचालकों ने कोल्ड रुम, वाशिंग लाइन, स्कोप ऑफ एक्सपेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराने के सुझाव दिए।

साथ ही फ्रोजन सिस्टम को भी जोड़ने का सुझाव दिया, क्योंकि ताजा फल/सब्जी आदि सीजनल होते हैं और बहुत शीघ्र खराब हो जाते हैं। बैठक में सुझाव दिए कि पैक हाउस का निर्माण के लिए शहर से बाहर और हाईवे के निकट स्थान चिन्हित किया जाए, जिससे बड़े ट्रक और कंटेनर आ-जा सकें और वे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और नो-इंट्री की समस्या में ना फंसे। 

फ्रोजन सिस्टम पैक हाउस के निकट ही प्राइवेट स्तर से भी शुरू कराया जा सकता है। आईक्यूएफ की स्थापना के लिए पूर्व अनुभवी लोगों से सुझाव लिए जाएं। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए गए कि आलू का पैक हाउस बनाने के लिए वाशिंग लाइन का होना महत्वपूर्ण है। निर्यात की दृष्टि से आलू, मिर्च, शिमला मिर्च की मंडल स्तरीय समिति बनाएं।

व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाएं, जिससे कृषक, एफपीओ व संबंधित अधिकारी आपस में सहजता से समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को गति दे सकें। 15 मई तक पुनः बैठक होगी। बैठक के क्रम में एपीडा को पत्र लिखें कि उक्त उत्पादों के क्रम में मंडल के जिला उद्यान अधिकारी को प्रशिक्षण दे। बैठक में संयुक्त कृषि निदेशक, उप निदेशक उद्यान, मण्डल के समस्त जनपदों के जिला उद्यान अधिकारी / मंडी सचिव, प्रगतिशील कृषक, एफपीओ संचालक आदि अधिकारी उपस्थित रहे।

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