कानपुर की GSVSS PGI में होगा किडनी ट्रांसप्लांट; केंद्र सरकार ने एक करोड़ 43 लाख की धनराशि जारी की, प्रार्चाय ने इनको भेजा पत्र

कानपुर की GSVSS PGI में होगा किडनी ट्रांसप्लांट; केंद्र सरकार ने एक करोड़ 43 लाख की धनराशि जारी की, प्रार्चाय ने इनको भेजा पत्र

 

कानपुर, अमृत विचार। वर्तमान में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा कानपुर नगर में नहीं है, लेकिन जल्द ही जीएसवीएसएस पीजीआई में किडनी प्रत्यारोपण शुरू होगा। केंद्र सरकार ने पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए एक करोड़ 43 लाख की धनराशि जारी कर दी है। इसके संचालन के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला ने डीजीएमई, सोटो और नोटो को पत्र लिखा है।

जीएसवीएमएस पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग में प्रतिदिन एक ओपीडी में औसतन 60 मरीज किडनी की समस्या लेकर पहुंचते हैं, इनमें से प्रतिदिन डॉक्टरों को छह से सात मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। वहीं, डायलिसिस पर चल रहे मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। वर्तमान में यहां से मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण के लिए लखनऊ, दिल्ली, मुंबई या अन्य शहर जाना पड़ता है। 

अब जीएसवीएसएस पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर स्थापित किया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को मंजूरी मिल गई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला ने बताया कि केंद्र सरकार ने पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए एक करोड़ 43 लाख की धनराशि जारी कर दी है। 

यह धनराशि नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम (एनओटीपी) के तहत आवंटित की गई है। किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर के उपकरण आदि के लिए केंद्र की संस्था हाइट्स को जिम्मेदारी देने की योजना है। डीजीएमई, सोटो व नोटो से मंजूरी मिलने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। टीम भी निरीक्षण करने आएगी। 

जीएसवीएसएस पीजीआई में हैं तीन गुर्दा रोग विशेषज्ञ 

जीएसवीएसएस पीजीआई में वर्तमान में तीन किडनी रोग विशेषज्ञ हैं। वर्तमान में यहां पर 30 बेड का वार्ड संचालित है। इसके अलावा इस विभाग में ही डायलिसिस यूनिट का भी संचालन किया जा रहा है। यहां पर किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट के लिए जरूरी आधी सुविधाएं पहले से ही विभाग में उपलब्ध हैं। अब किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों के लिए अलग से आईसीयू की व्यवस्था की जाएगी। 

एक तिहाई मरीजों को पड़ती किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत 

किडनी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. युवराज गुलाटी के मुताबिक किडनी की बीमारी से ग्रस्त एक तिहाई मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। विभाग में अभी 10 रोगियों की प्रतिदिन डायलिसिस हो रही है। पीजीआई में कानपुर के अलावा आसपास जिले से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसमे युवा, अधेड़ और बुजुर्ग सभी वर्ग के मरीज शामिल रहते हैं।

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