रिश्वत लेते बैंक का लोन अधिकारी गिरफ्तार : पांच लाख मुद्रा लोन के बदले में मांगे थे 20 हजार रुपये

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की खामपार देवरिया के बंगरा बाजार शाखा का मामला

Bank employee arrested taking bribe in Deoria : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मुद्रा लोन पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते बैंक के लोन अधिकारी को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की लखनऊ यूनिट की टीम ने यह कार्रवाई देवरिया के बंगरा बाजार स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लोन अधिकारी के खिलाफ मिली शिकायत के बाद की। आरोपी को सीबीआई की विशेष कोर्ट नंबर-4 में शुक्रवार को पेश किया गया। जहां से आरोपी को जेल भेज दिया।

सीबीआई के अधिकारी के मुताबिक देवरिया के माडीपुर बंगरा बाजार के मेराज आलम ने शिकायत की थी। मेराज ने सीबीआई की टीम को बताया कि उनके भाई सेराज आलम बंगरा बाजार में फर्म फर्म जाकिर हुसैन अंसारी मेराज आलम वस्त्रालय संचालित करते हैं। इसके लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बंगरा बाजार शाखा में पांच लाख रुपये के मुद्रा लोन का आदेवन किया था। लोन स्वीकृत हो गया। इसके बाद 8 मई को बैंक जाकर लोन अधिकारी प्रिंस कुमार झा से मुलाकात की।

प्रिंस कुमार झा ने मुद्रा लोन की राशि की निकासी के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। मेराज ने इसकी शिकायत दूसरे दिन सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम से की। सीबीआई की टीम ने जांच की। आरोप सही पाये गये। इसके बाद सीबीआई ने 14 मई को रिपोर्ट दर्ज की। फिर आरोपी बैंक अधिकारी को ट्रैप करना शुरू किया। आरोपी को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गुरुवार को रंगे हाथ दबोच लिया गया। उससे पूछताछ के बाद आरोपी को सीबीआई की विशेष कोर्ट नंबर-4 में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

रिश्वत लेते सीएमओ कार्यालय का वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार

भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की टीम ने 10 हजार रिश्वत लेते मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वरिष्ठ सहायक ने मृतक आश्रित कोटे में नौकरी की पत्रावली पूरी करने के लिए 50 हजा रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत गागलहेड़ी स्थित तिवाया निवासी मनोज ने एंटी करप्शन थाने में की थी। इसके बाद टीम ने आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

सहारनपुर के बेहट रोड निवासी शशिबाला स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के पद तैनात थीं। उनकी चार वर्ष पूर्व कोरोना कॉल में मौत हो गई। शशिबाला की दो बेटी है। उनकी मौत के बाद बेटी को मृतक आश्रित में नौकरी मिलनी थी। आरोप है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार चार वर्ष से नौकरी के लिए उनके दस्तावेजों को पूरा नहीं कर रहा था। फाइल पूरा करने के लिए 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। कई बार उसे रुपये भी दिए गए। उसके बाद भी पीड़ित का काम नहीं किया। वरिष्ठ सहायक की हरकतों से परेशान शशिबाला के दामाद मनोज कुमार ने एंटी करप्शन थाने में शिकायत की

। टीम ने वरिष्ठ सहायक को ट्रैप करना शुरू किया। शुक्रवार को एंटी करप्शन की टीम स्वास्थ विभाग पहुंची। 10 हजार रुपये रिश्वत लेते वरिष्ठ सहायक राकेश कुमार को रंगेहाथ दबोच लिया। उसे सदर बाजार कोतवाली लेकर गई। जहां रिपोर्ट दर्ज किया गया। राकेश मूलत बरेली के इज्जतनगर का रहने वाला है। इंस्पेक्टर एंटी करप्शन जसपाल सिंह के मुताबिक राकेश को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया है। उसकी नियुक्ति पांच नवंबर 1999 में सहायक के पद पर हुई थी। 2021 वरिष्ठ सहायक सहारनपुर बना था।

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