कच्ची उम्र में गूगल का सहारा खतरनाक ! इलाज ढूंढने में किशोर और बन रहे बीमार
बरेली कार्यालय, अमृत विचार। सोशल मीडिया के दौर में किशोर अब अपनी बीमारियों का इलाज गूगल और इंटरनेट साइट के माध्यम से ढूंढ रहे हैं। शारीरिक विकास प्रभावित होने, यौन और त्वचा रोग के इलाज के लिए भी मदद ले रहे हैं। स्थिति गंभीर होने पर जिला अस्पताल के किशोर परामर्श केंद्र का रुख कर रहे हैं। हर माह 40 से 45 ऐसे मामले परामर्श केंद्र पर पहुंच रहे हैं।
किशोर परामर्श केंद्र के काउंसलर नदीम खान के अनुसार सर्वाधिक मामले यौन के साथ ही त्वचा और शारीरिक विकास प्रभावित होने संबंधी आ रहे हैं, हालांकि काउंसलिंग के दौरान किशोरों की भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है। उन्हें इससे बचने की सलाह भी दी जा रही है। बताया कि किशोर अगर घर में अकेला पन महसूस करें, खाना समय पर न खाएं तो परिजन तुरंत उसे परामर्श केंद्र भेजें। अनदेखी करने से किशोर कई बार मानसिक अवसाद की स्थिति में पहुंच जाते हैं और उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ने लगता है।
इस तरह की सवालों में उलझ रहे
काउंसलर नदीम के अनुसार अक्सर किशोर केंद्र पर आने पर सवाल करते हैं कि समय पर भोजन लेने के बाद भी शरीर दुबला पतला है, अचानक यौन संबंधी समस्या हो रही हैं, सोशल मीडिया पर देखा कि ये दवा खाने से शरीर स्वस्थ रहता है। काउंसलर का कहना है कि इस प्रकार के सवाल जब भी जेहन में आएं तो फौरन विशेषज्ञ की ही सलाह लें।
केस 1
17 वर्षीय किशोर मार्च में किशोर परामर्श केंद्र पहुंचा और बताया कि उसे यौन संबंधी दिक्कतें हैं, कुछ दिन गूगल की मदद से मेडिकल स्टोर से दवा ली, लेकिन बाद में दिक्कत बढ़ी तो परिजनों को बताया। परिजन केंद्र पर लेकर आए अब किशोर की हालत में सुधार है।
केस 2
बीते सप्ताह जिला अस्पताल के दंत रोग विभाग में पुराना शहर निवासी 14 वर्षीय किशोर परिजनों के साथ परामर्श के लिए इंतजार कर रहा था। कुछ कार्य से काउंसलर केंद्र से बाहर निकले और किशोर पर उनकी नजर पड़ी तो वह विचलित सा लगा। काउंसलर ने उसे अपने पास बुलाया और आंखों की जांच की तो उसकी आंखें कमजोर निकलीं। काउंसलर ने उसे मोबाइल फोन से दूरी की सलाह के साथ नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेने को कहा।
