शाहजहांपुर: निजीकरण के विरोध में अभियंताओं का एसई कार्यालय पर प्रदर्शन
बोले कर्मचारी, निजीकरण से गरीब जनता और किसानों पर पड़ेगा विपरीत असर
शाहजहांपुर, अमृत विचार। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का विरोध मुखर होता जा रहा है। मंगलवार को राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन व संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय नेतृत्व के आवाहन पर कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता (एसई) कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान चेतावनी दी गई कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह लोग कार्य बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।
क्रमिक विरोध सभा के क्रम में मंगलवार दोपहर करीब दो बजे अधिशासी अभियंता, प्रोन्नत अभियंताओं, हाइड्रोलिक एम्पलाइज यूनियन के सदस्य और अवर अभियंताओं व तकनीकी कर्मचारी अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में पहुंचे गए और दरी बिछाकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। कर्मचारी निजीकरण वापस लो, कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। शाम पांच बजे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यक्रम स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए हाइड्रो इलेक्ट्रिक एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष तेजराम कठेरिया ने कहा कि संयुक्त संघर्ष समिति के सभी घटक प्रदेश की जनता के हित में निजीकरण के फैसले को वापस कराने के लिए सभी प्रकार से लोकतांत्रिक लड़ाई लड़नें के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि निजीकरण का सीधा असर कर्मचारियों और गरीब जनता व किसानों पर पड़ेगा। रियायती दरों पर उपलब्ध हो रही बिजली की सुविधा खत्म हो जाएगी। तकनीकी कर्मचारी महेश माथुर ने कहा कि निजीकरण की कार्रवाई को प्रबंधन की ओर से नहीं रोका गया तो सभी कर्मचारी कार्य वहिष्कार करने के लिए मजबूर होंगे, साथ ही विद्युत विभाग का प्रत्येक कर्मचारी जनहित में शासन की मंशानुसार 24 घंटे सतत विद्युत आपूर्ति के लिए कार्यरत है। सभा की अध्यक्षता संजीव तिवारी ने की और संचालन उपखंड अधिकारी इं. तेजराम कठेरिया ने किया। सभा में अधिशासी अभियंता राजकुमार कुर्मी, उपखंड अधिकारी बबलू कुमार,गौरव शर्मा,सत्यप्रकाश, संजीव कुमार द्विवेदी, हिमांशु गर्ग , एचएल गुप्ता, जगदीश सिंह , हरिओम , आरके सिंह, अवर अभियंता इं. कृष्ण कुमार, इं. आनन्द कुमार, इं. सत्यपाल सिंह, इं. संजीव कुमार , आदर्श कुमार, देवराज, राजेंद्र सागर, दिनेश कुमार , गजेंद्र पाल ,सुरेश कुमार , अवधेश , सत्यपाल सिंह , संयुक्त संघर्ष समिति के आयोजक सौरभ शाक्य सहित जनपद के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
संभावित कार्यबहिष्कार को लेकर अलर्ट है प्रशासन
बिजली कर्मचारियों द्वारा निजीकरण के विरोध में चल रहे क्रमिक विरोध प्रदर्शन के बीच 29 मई को संभावित कार्यबहिष्कार को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। इस संबंध में तीन दिन पहले डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह बैठक कर बिजली विभाग के अधिकारियों आदि को बिजली समस्या की आपात स्थित से निपटने के लिए दिशा निर्देश दे चुके हैं।
प्रशासन की चेतावनी के बाद भी नहीं रुका रहा विरोध प्रदर्शन
प्रशासन ने सख्त चेतावनी दे रखी है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान अथवा संभावित कार्यबहिष्कार के दौरान बिजली आपूर्ति में किसी तरह का कोई व्यवधान डाला गया और उसमें जो भी बिजली कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, इस चेतावनी के बावजूद भी कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है, हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि जनता के हित में निजीकरण के फैसले को वापस कराने के लिए सभी प्रकार से लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ रहे हैं।
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