प्रयागराज : चिकित्सा सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए विचार मंथन आवश्यक
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगातार सुनवाई हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने माना कि प्रयागराज में रहने वाले लोगों के एक बड़े वर्ग को ध्यान में रखते हुए स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल की स्थिति पर विचार करने की आवश्यकता है, जहां बहुत कम सुविधाएं उपलब्ध हैं। प्रयागराज के लोग अभी-अभी महाकुंभ 2025 से बाहर निकले हैं, जहां 2 महीने के भीतर 66.30 करोड़ लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी।
ऐसे में प्रयागराज में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं पर विचार मंथन होना चाहिए, जबकि प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान लखनऊ पर केंद्रित है, जहां पहले से कई बड़े चिकित्सीय संस्थान मौजूद हैं, जैसे संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, आदि। प्रयागराज पिछले कुछ वर्षों में एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र बन गया है और दुनिया भर से लोगों की भारी आमद को देखते हुए यहां चिकित्सा सुविधा उन्नत बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। कोर्ट को बताया गया कि प्रयागराज में एम्स स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग करते हुए जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसके सापेक्ष केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत केंद्र सरकार ने पहले ही 233 बेड और सात ऑपरेशन थिएटर की कुल क्षमता वाले सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक को मंजूरी दे दी है, लेकिन कोर्ट को लगता है कि प्रयागराज के लिए बहुत कम काम किया गया है और चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना अभी भी बाकी है।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया, क्योंकि इसमें पूरे प्रदेश की देखभाल कर रहे प्रभारी अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही का खुलासा नहीं किया गया है। अतः कोर्ट ने चिकित्सा सुविधा के सुधार के मामले में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति कोर्ट में आवश्यक मानी और मामले को 30 मई 2025 के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उक्त आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकलपीठ ने डॉक्टर अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। मालूम हो कि पिछली सुनवाई में कोर्ट के आदेश के अनुपालन में प्रमुख सचिव, औषधि शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज और स्वरूप रानी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक की ओर से गुरुवार को हलफनामे कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए, जिसमें बताया गया कि कोर्ट के आदेश अनुसार कार्यवाही की गई है और संबंधित अस्पताल में सफाई का काम शुरू हो गया है।
ट्रामा सेंटर के साथ-साथ गैस्ट्रोलॉजी और कार्डियोलॉजी आईसीयू में कुछ एसी काम करने लगे हैं। दवाओं की खरीद के लिए भी ऑर्डर दे दिया गया है। डॉक्टर समय पर ओपीडी में आ रहे हैं और उपस्थिति रजिस्टर पर उनके हस्ताक्षर भी करवाए जा रहे हैं। हालांकि कोर्ट उक्त हलफनामों से संतुष्ट नहीं हुई। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि शवगृह और उसके आसपास सुधार किया गया है और वहां कर्मचारियों की तैनाती की गई है, उन्हें अप्रैल, 2025 से वेतन का भुगतान किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जहां तक शवगृह का प्रश्न है, ऐसी कोई शिकायत नहीं आएगी| अंत में कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट और आयुक्त, नगर निगम को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के परिसर में और उसके आसपास अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने का निर्देश दिया|
यह भी पढ़ें:- IPL 2025 Qualifier : 14 ओवर में 101 रन बनाकर ऑलआउट हो गई पंजाब, प्रीति के चेहरे पर छाई मायूसी
