बाराबंकी : जिले में 58 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य, विभागों को टारगेट
स्कूल, कॉलेज और सरकारी भवनों में चलेगा विशेष अभियान
Target of planting 58 lakh saplings : कलेक्ट्रेट परिसर में शुक्रवार को वृक्षारोपण समिति की समीक्षा बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने की। प्रभागीय वनाधिकारी आकाश बधावन ने जिले में पौधरोपण की योजना प्रस्तुत की। वनाधिकारी ने बताया कि जिले को इस बार 58 लाख 6 हजार 660 पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है। पौधरोपण के साथ उनके संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्कूल, कॉलेज, सरकारी भवनों और ग्राम पंचायतों में सघन अभियान चलाया जाएगा। सभी विभागों को पौधरोपण का निश्चित लक्ष्य दिया जाएगा। बैठक में पर्यावरण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। नगर पालिका परिषद नवाबगंज ने बताया कि 42,000 टन कूड़े में से 41,813 टन का निस्तारण हो चुका है। नगर पालिका में प्रतिदिन 400-450 टन अपशिष्ट का निस्तारण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि जिले के 23 राजकीय चिकित्सालयों में बायोमेडिकल वेस्ट का नियमानुसार निस्तारण हो रहा है। जिलाधिकारी ने जिले के 400 बैटलैंड स्थलों को पर्यावरण अनुकूल बनाने के निर्देश दिए।
गंगा की सहायक नदियों की सफाई पर जोर
जिला गंगा समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों की स्वच्छता से ही मुख्य धारा को स्वच्छ रखा जा सकता है। जिलाधिकारी ने जमुरिया नाले के शुद्धिकरण कार्यों की समीक्षा की। इसमें बायोरेमिडिएशन और फाइटोरेमिडिएशन की प्रगति का जायजा लिया गया। उन्होंने जल शोधन के लिए एसटीपी प्लांट और आईएसडी के निर्माण की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। अधिकारियों को जमुरिया नाले की नियमित सफाई का आदेश दिया गया। साथ ही जिले की सभी नदियों और घाटों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने को कहा। जनजागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए, जिससे लोग पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर सकें। बैठक में गंगा मित्रों को प्रशिक्षण देकर सक्रिय करने की बात कही गई। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस तेजस के, अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह समेत विभिन्न समितियों के सदस्य और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
7 केंद्रों पर 3120 छात्र देंगे परीक्षा
1 जून को होने वाली बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2025 की तैयारियां पूरी हो गई हैं। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने परीक्षा को पारदर्शी और नकल विहीन बनाने के निर्देश दिए। जिला विद्यालय निरीक्षक ओपी त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा में 3120 परीक्षार्थी शामिल होंगे। जिले में 7 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें राजकीय बालिका इंटर कालेज बाराबंकी, राजकीय इंटर कालेज बाराबंकी, अजीमुद्दीन अशरफ इस्लामिया इंटर कॉलेज बाराबंकी शामिल हैं। साथ ही जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल पीजी कॉलेज बाराबंकी, राजकीय पॉलिटेक्निक जहाँगीराबाद, जमील उर रहमान क़िदवई इस्लामिया गर्ल्स इंटर कालेज बाराबंकी और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सतरिख को केंद्र बनाया गया है।
सभी केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। हर दो परीक्षा केंद्रों के लिए एक केंद्र प्रतिनिधि या सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। प्रत्येक केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। परीक्षा दो पालियों में होगी। पहली पाली सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी। बैठक में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के नोडल अधिकारी, अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह, प्रशिक्षु आईएसए तेजस के. और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
नोडल अधिकारियों ने आकांक्षी विकास खंडों में देखी योजनाओं की प्रगति
प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी और अपर आयुक्त अजय कांत सैनी ने शुक्रवार को आकांक्षी विकास खंडों का दौरा किया। उन्होंने निन्दूरा और पूरेडलई ब्लॉक में चल रही विकास योजनाओं का जायजा लिया। नोडल अधिकारियों ने विकास खंड के स्कूलों में पेयजल, बिजली, फर्नीचर और शौचालय की व्यवस्था की जांच की। साथ ही प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता की समीक्षा भी की। ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक और डाटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती की स्थिति देखी।
अधिकारियों ने पोषण पुनर्वास केन्द्र, रिसोर्स रिकवरी सेंटर और स्वयं सहायता समूह केन्द्र का भी निरीक्षण किया। इससे पहले जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों के नामांकन और पोषाहार वितरण की समीक्षा की गई। साथ ही सैम-मैम बच्चों की स्थिति की जानकारी ली गई। किसान सम्मान निधि और कौशल विकास योजना की प्रगति भी देखी गई। प्रदेश सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े विकास खंडों को मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचा और सामाजिक विकास के 50 मानकों पर प्रगति की निगरानी की जा रही है।
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