आपसी स्वाभिमान तोड़ रहे खूबसूरत रिश्ते, सिमटता जा रहा परिवार, न करें ये बड़ी गलतियां

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचारः आजकल के ज्यादातर रिश्ते टूट रहे है। पति-पत्नी के बीच मतभेद के कारण बात तलाक तक पहुंच जा रही है। विवाह के शुरुआती दौर में ही पति-पत्नी अलग हो रहें है। जिसके कई कारण है। आजकल स्वाभिमान भी एक बड़ी वजह से अलग होने की। पारिवारिक न्यायालय के अधिवक्ताओं के अनुसार अब दंपतियों में सहनशीलता का अभाव है और साथ ही एक दूसरे के लिए सम्मान की भावना भी कम होती जा रहीं है।

एकल परिवार बन रहा बड़ी वजह

पारिवारिक न्यायालय के अधिवक्ता अनुराग अरोड़ा ने बताया कि आधुनिक समाज में पारिवारिक संरचना में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। जहां संयुक्त परिवारों की परंपरा धीरे-धीरे एकल परिवारों में परिवर्तित हो रही है। संयुक्त परिवारों में कई पीढ़ियाँ एक साथ रहती थीं, जिससे भावनात्मक समर्थन, सामाजिक सुरक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण होता था। हालांकि, शहरीकरण, औद्योगीकरण, शिक्षा का प्रसार और महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता जैसे कारकों ने लोगों को अधिक स्वतंत्र और निजता-प्रधान जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे एकल परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है। एकल परिवारों में पति-पत्नी के बीच संबंधों में असहिष्णुता, अहंकार और स्वाभिमान के टकराव के कारण तनाव बढ़ रहा है, जो अक्सर तलाक या पारिवारिक विघटन का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, बेंगलुरु में एक 41 वर्षीय व्यक्ति ने वैवाहिक कलह के कारण आत्महत्या कर ली, जिसमें उसकी पत्नी द्वारा तलाक का दबाव और मानसिक उत्पीड़न प्रमुख कारण थे। इसके अतिरिक्त 70 प्रतिशत तलाक के मामलों में अहंकार और असहिष्णुता प्रमुख कारण हैं। विशेष रूप से उन दंपतियों में जहाँ दोनों पतिपत्नी कार्यरत हैं।

पारिवारिक न्यायालय के अधिवक्ता केपी साही ने बताया कि पारिवारिक विघटन के सामाजिक और मानसिक प्रभाव गहरे होते हैं, जो न केवल पति-पत्नी पर, बल्कि बच्चों और समाज पर भी पड़ते हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक संवाद, आपसी सम्मान, पारिवारिक परामर्श और सामाजिक समर्थन आवश्यक हैं, ताकि पारिवारिक संबंधों को मजबूत किया जा सके और समाज में संतुलन बनाए रखा जा सके।

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