RBI ने Repo Rate किया आधा, लोन सस्ता होने से भारतीय उद्योग जगत में खुशी की लहर 

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Published By Anjali Singh
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दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि प्रमुख नीतिगत दर में बड़ी आधा प्रतिशत की कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से ब्याज दरें कम होंगी और कर्ज आसानी से मिल सकेगा। उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि इस कदम से वैश्विक चुनौतियों के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा। उद्योग जगत ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपने रुख को उदार से तटस्थ करके संकेत दिया है कि ब्याज दरों में आगे अधिक ढील देने से पहले वह इन कटौतियों के असर का आकलन करने के लिए अब रुक सकता है। 

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो दर में आधा प्रतिशत की कटौती की, जो लगातार तीसरी कटौती है। केंद्रीय बैंक ने अप्रत्याशित रूप से बैंकों के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की भारी कटौती की है, जिससे अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को ऋण देने के लिए बैंकिंग प्रणाली में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी। 

फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, ‘फिक्की आरबीआई के रेपो दर में कटौती के साहसिक और सक्रिय कदम का स्वागत करता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी ब्याज दर कटौती आरबीआई की वृद्धि को समर्थन देने की प्रतिबद्धता का एक मजबूत संकेत देती है, खासकर ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है।’ 

पीडब्ल्यूसी इंडिया में भागीदार रानेन बनर्जी ने कहा कि नीतिगत दरों में कटौती और बैंकों के लिए नकदी बढ़ाने के साथ उपभोग बढ़ने की उम्मीद है। फ्रैंकलिन टेम्पलटन के सीआईओ और प्रबंध निदेशक (इंडिया फिक्स्ड इनकम) राहुल गोस्वामी ने कहा कि आरबीआई के साहसिक कदम ने बाजारों को आश्चर्यचकित कर दिया है और यह धीमी आर्थिक गति और मुद्रास्फीति में कमी के बीच वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में एक स्पष्ट मोड़ को दर्शाता है। 

कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा, ‘‘रेपो दर में उम्मीद से अधिक कटौती के साथ ही रुख को फिर से तटस्थ कर दिया गया है। यह स्पष्ट रूप से भविष्य के निर्णयों की ओर इशारा करता है।’’ पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि आरबीआई एमपीसी का फैसला वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत की वृद्धि को सहारा देगा। 

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