मुरादाबाद : पौधे में लगे कीट की निगरानी करें किसान

गन्ना रोग एवं कीटों पर नियंत्रण के लिए सुबह शाम करें खेतों का भ्रमण

मुरादाबाद : पौधे में लगे कीट की निगरानी करें किसान

मुरादाबाद, अमृत विचार। गन्ना आयुक्त एवं चीनी उ.प्र. प्रमोद कुमार उपाध्याय ने गन्ने में लगने वाले लाल सड़न (रेड रॉट) कन्डुआ (स्मट),उकठा (विल्ट) आदि रोगों व कीटों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है। जिसके बारे में उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह ने शुक्रवार को कार्यालय पर किसानों को विस्तार से जानकारी दी है।

शुक्रवार को कार्यालय पर वार्ता के दौरान उप गन्ना आयुक्त हरपाल सिंह ने बताया कि गन्ने की फसल में समसामयिक लाल सड़न(रेड रॉट), कन्डुआ (स्मट), उकठा (विल्ट) आदि रोगों एवं जड़बेधक, गुलाबी चिकटा (मिलीबग) आदि कीटों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा दिए सुझावों में कुछ क्षेत्रों में गन्ना किस्म को. 0238 की पत्तियों पर लाल सड़न रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। बताया कि लाल सड़न रोग के रोकथाम के लिए किसान प्रभावित गन्ने के पौध की जड़ से निकालकर नष्ट कर दें। अधिक वर्षा होने पर लाल सड़न रोग से संक्रमित खेत का पानी दूसरे खेतों में न जाने दें। कन्डुआ भी गन्ने का फफूंदजनित रोग है, इससे गन्ना लंबा व पतला हो जाता है। इसके उपचार के लिए बुवाई के समय ही गन्ने के टुकड़ों को प्रोपिकोनाजोल 25 ई.सी. या कार्बेन्डाजिम 50 डब्लू.पी.के 0.1 प्रतिशत घोल में बीज को 10 मिनट तक उपचारित करें।

उकठा(विल्ट) बीज व मृदा द्वारा फैलने वाला फफूंद जनित रोग है। यह गर्मियों में दिन में उच्च तापमान व सूखे जैसी प्रतिकूल स्थिति में उकठा रोग व जड़ बेधक कीट का आपतन अधिक होता है, इस पर बोरान तथा मैगनीज 40 पीपीएम घोल के छिड़काव से नियंत्रण किया जा सकता है। जड़बेधक गन्ने के जड़ वाले भाग को नुकसान पहुंचाता है। सूड़ी का रंग सफेद, सिर का रंग गहरा भूरा होता है। इस कीट का प्रकोप अप्रैल से अक्टूबर तक होता है। यह कीट गन्ने की नवजात पौधों एवं गन्नों को नुकसान पहुंचाता है। गुलाबी चिकटा(मिलीबग) का मादा कीट गुलाबी रंग की तथा गोल या चपटे आकार की होती है।

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