पीलीभीत: टेंडर के खेल का एडीएम ने लिया संज्ञान, एसडीएम को सौंपी गई जांच...58 लाख के कार्य की निविदा का मामला

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। नगर पंचायत कलीनगर में किए गए टेंडर का खेल उजागर होने के बाद अब मामला दबा रहे जिम्मेदारों की मुश्किल बढ़ती दिख रही है। अयोग्य फर्मों की विड पहले स्वीकारने और शिकायत के बाद अस्वीकृत करने के इस गंभीर मामले का एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया ने संज्ञान लिया है। इसकी एसडीएम को जांच दी गई है। एसडीएम से जांच कर विस्तृत आख्या मांगी गई है। उसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।

नगर पंचायत कलीनगर में स्वच्छ पेयजल योजना के तहत 58 लाख की लागत से सोलर वेस्ड वाटर कूलर की स्थापना कराई जानी है। 21 मई को ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसमें चार फर्म एम-एम कंस्ट्रक्शन, पवन इंटरप्राइजेज, आरवीआर कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स, जीवी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स ने विड डाली थी। पहले जीवी कंस्ट्रक्शन की विड अस्वीकृत की गई और फिर धांधली के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई तो आनन-फानन में पांच जून को अन्य तीनों फर्म की विड भी अस्वीकृत कर दी गई थी। इतना ही नहीं एमएम कंस्ट्रक्शन की ओर से लगाया गया श्रम विभाग के पंजीकरण को प्रमाण पत्र कूटरचित होने का आरोप था। दरअसल, इस पर पड़ा नंबर बरेली की श्री कृष्णा ट्रेडर्स के नाम पर पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहा है।  ईओ कलीनगर एजाज अहमद पर अपने चहेतों को टेंडर दिलाने के लिए सांठगांठ करके खेल करने का आरोप है। मगर, ईओ की ओर से सिर्फ टेंडर निरस्त कर कर्तव्यों से इतिश्री कर ली गई थी। कूटरचित अभिलेख को लेकर कोई जांच नहीं कराई थी। अब इस मामले में एडीएम ने संज्ञान लिया है। एडीएम ने बताया कि मामले में एसडीएम को जांच दी गई है। सभी बिंदुओं पर जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कई अन्य टेंडर में भी तो नहीं इस्तेमाल कूटरचित अभिलेख
एमएम कंस्ट्रक्शन की ओर से विड में लगाए गए श्रम विभाग के पंजीकरण प्रमाण पत्र के कूटरचित होने के आरोप लगने के बाद मामला और गंभीर हो गया है। ये भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि कहीं यही प्रमाण पत्र अन्य टेंडरों में भी तो इस्तेमाल नहीं किया गया है। हालांकि अभी इसे लेकर कोई जांच नहीं कराई जा सकी है। शिकायतकर्ता की मानें तो अगर गंभीरता से जांच कराई गई तो कई अन्य हैरान करने वाले तथ्य भी निकल आ सकते हैं।  फिलहाल गंभीर आरोप लगने के बाद निविदाएं कैंसिंल की जा चुकी हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इसका संज्ञान ले लिया है। जिसके चलते नगर पंचायत कलीनगर के जिम्मेदारों में खलबली मच गई  है। अब इस प्रकरण के शोर को दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है।   छोटे कर्मचारियों को भी टारगेट किया जा सकता है। ऐसे में उनको भी फंसने का डर लग रहा है।

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