लखीमपुर खीरी: सैलानियों में उत्साह...विस्टाडोम कोच 29 तक फुल

लखीमपुर खीरी: सैलानियों में उत्साह...विस्टाडोम कोच 29 तक फुल

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। मैलानी से बिछिया तक किशनपुर और भीरा जंगल होते हुए दुधवा नेशनल पार्क के घने जंगलों में सफर कराने वाली विस्टाडोम कोच की सभी सीटें 29 जून तक फुल हो चुकी हैं। इससे दुधवा नेशनल पार्क को लेकर पर्यटकों में लगी होड़ का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

ट्रेन दुधवा नेशनल पार्क के घने जंगलों से होते हुए शारदा, सुहेली और मोहाना नदी को पार करते हुए बिछिया पहुंचती है। विस्टाडोम कोच के ऑब्जर्वेशन लॉउंज से यात्री खड़े होकर बाहर के नजारों का आनंद लेते हैं। यात्रा के दौरान बैठने के लिए आरामदायक सीटें और बड़ी-बड़ी कांच की खिड़कियों से मनोरम दृष्यों को देकर सैलानी उछल पड़ते हैं। यह कोच सप्ताह में दो दिन शनिवार और रविवार को चलने वाली ट्रेन में लगाया जाता है। सोशल मीडिया पर इस ट्रेन के सफर के पोस्ट सैलानियों को लुभा रहे हैं। यही वजह है कि लोगों के उत्साह और इसमें सफर करने की ललक के चलते इस विस्टाडोम कोच की सभी सीटें 29 जून तक फुल हो चुकी हैं।

सैलानी दो दिन और कर सकेंगे वन्य जीवों के दीदार
दुधवा जंगल में यदि आपको बाघ, तेंदुआ, जंगली हाथियों के झुंड, गैंडे और दुर्लभ वन्य जंतु देखने हैं तो केवल दो दिन बचे हैं। कल यानी 15 जून को पर्यटकों के लिए दुधवा बंद हो जाएगा। फिर मानसून समाप्ति के बाद 15 नवंबर 2025 को ही दुधवा खुलेगा। दुधवा नेशनल पार्क के उपनिदेशक डॉ. रंगा राजू टी ने बताया कि पर्यटन सत्र प्रत्येक साल नवंबर से शुरू होता है। यहां की प्राकृतिक छटा और दुर्लभ वन्य जंतुओं और पक्षियों के कारण सैलानी खिंचे चले आते हैं। 

इस साल दुधवा में खूब दिखे बाघ
इस साल दुधवा में बाघ खूब दिखे, जिससे इसकी अलग पहचान बनी है। आंकड़ों के अनुसार 15 नवंबर से 31 मई तक करीब 85 फीसदी दिनों में पर्यटकों को बाघ के दीदार हुए हैं। वर्ष 2022 के मुताबिक यहां बाघों की संख्या 135 है। बाघ दिखने से सैलानियों की संख्या पिछले सालों की तुलना में बढ़ी है। हर साल 15 दिसंबर को सैलानियों के लिए पार्क को बंद कर दिया जाता है। वजह है कि मानसून आने के बाद बारिश की वजह से जंगली रास्तों पर पानी भर जाता है, जिसमें वाहनों का चलना संभव नहीं होता।