पीलीभीत : पर्यटन सत्र निपटा, अब वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के होंगे और पुख्ता इंतजाम
PTR जल्द शुरू करेगा सुरक्षा अभियान
पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र समाप्त हो चुका है। अब टाइगर रिजर्व प्रशासन मानसून सीजन के दौरान वन एवं वन्यजीवों को शिकारियों एवं वन अपराधियों की कुदृष्टि से बचाने के लिए ऑपरेशन मानसून शुरू करने जा रहा है। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। जंगल समेत संवेदनशील क्षेत्रों में ऑपरेशन मानसून के सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगें।
तराई के इस जिले में बारिश दस्तक दे चुकी है। बरसात के दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल मार्गों पर जगह-जगह जलभराव एवं कीचड़ हो जाती है। जंगल मार्गों के कच्चे होने के कारण वाहनों का आवागमन भी बाधित हो जाता है। घास की ऊंचाई बढ़ने से जंगल क्षेत्रों में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वन अफसरों और वनकर्मियों को जंगल क्षेत्र में गश्त करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र भी 15 जून को समाप्त हो गया है।
पूरे सात माह तक जंगल के अंदर सफारी वाहनों और सैलानियों का आवाजाही रही। इधर अब जंगल में सन्नाटा सा छा गया है। ऐसे में शिकारी और वन अपराधी इसका फायदा उठाने की फिराक में लगे रहते हैं। मानसून सीजन के दौरान सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन वन एवं वन्यजीवों को शिकारियों एवं वन अपराधियों की कुदृष्टि से बचाने के लिए ऑपरेशन मानसून विशेष सुरक्षा अभियान शुरू करने जा रहा है। ऑपरेशन मानसून की रुपरेखा लगभग तैयार की जा चुकी है।
चप्पे-चप्पे पर रहेगी पैनी नजर
मानसून सीजन के दौरान जंगल क्षेत्र समेत संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जाएगी। इन क्षेत्रों में गश्त पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पीटीआर से सटी उत्तराखंड की सीमा से सटे जंगल क्षेत्रों की विशेष निगरानी की जाएगी। शिकारियों समेत वन अपराधियों पर भी पैनी नजर रखी जाएगी। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मानसून सीजन के दौरान वन एवं वन्यजीव अपराध की गतिविधियां बढ़ने की आशंका रहती है। इसी के मद्देनजर विशेष सुरक्षा अभियान शुरू किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार हो चुकी है। जल्द ही इसे धरातल पर उतारा जाएगा।
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