MNC की हरी झंडी न मिलने से लटकी नीट यूजी की काउंसलिंग डेट, जानें क्या है वजह

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Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: नीट यूजी प्रवेश परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके हैं। प्रदेश के 35 मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसिलिंग की तिथि घोषित नहीं हो रही हैं, क्योंकि नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी) ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों को आवेदित सीटों को अनुमति नहीं दी है। मामला एक या दो मेडिकल कॉलेज का नहीं बल्कि नए खुले अधिकांश मेडिकल कॉलेजों है, शिक्षक समेत अन्य जरूरी मानक पूरे नहीं है।

राजधानी स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय को 250 सीटों पर दाखिला लेने की अनुमति मिल गयी है, मगर अन्य कॉलेजों का मामला फसा हुआ है। हालांकि बीते दिनों एमबीबीएस की सीटों को मान्यता देने के लिए खामियों को लेकर नियामक आयोग में कॉलेज प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हो चुकी है, कॉलेजों ने आश्वासन भी दिया है, मगर अभी तक एनएमसी द्वारा हरी झंडी नही मिली है।

खासी दिक्कत प्रदेश में गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र, सुल्तानपुर, अमेठी व हरदोई आदि नए खुले मेडिकल कॉलेजों में हैं। जहां मानकनुरूप शिक्षक नहीं हैं, ओटी, लाइब्रेरी, पैथोलॉजी आदि तमाम संसाधन नहीं हैं, जिनकी वजह से एमबीबीएस सीटों को मान्यता नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं, शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर भी तकनीकी दिक्कतें आईं हैं, बायोमेट्री उपस्थिति का नियम असफल होने के बाद आधार आधारित वीडिया कॉल द्वारा उपस्थिति दर्ज होने लगी। सूत्रों का कहना है कि नियम है कि कॉलेज परिसर या 100 मीटर के दायरे में कहीं से भी शिक्षक वीडियो द्वारा फेस रीडिंग माध्यम से उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं, मगर शिक्षक कहीं से भी फेस रीडिंग करा रहे हैं, जिन्हें कॉलेज सिद्ध करना एनएमसी के सामने मुश्किल हो रहा है।

अनुमन्य अवकाश नहीं मानती है एनएमसी

कई मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यो का कहना है कि मानक पूरे कर दिए गए हैं, मगर तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, खासी दिक्कत अटेंडेंस को लेकर है, क्योंकि एनएमसी अनुमन्य ग्रीष्म कालीन व शीलकालीन अवकाश को मान्यता नहीं दे रही है।

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