शाहजहांपुर : 4.61 लाख के नकली नोट के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार
कोतवाली पुलिस ने उमरगंज जाने वाले मार्ग पर तीनों को दबोचा
शाहजहांपुर, अमृत विचार। एसपी के निर्देश पर चलाए जा रहे अभियान के तहत चौक कोतवाली पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना पेथोलाजिस्ट समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 500 रुपये, 100 रुपये, 20 रुपये के चार लाख 61 हजार रुपये नकली नोट, लैपटाप, प्रिंटर, कागज, कार, बाइक आदि बरामद की है।
चौक कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार सिंह को सोमवार की सुबह पौने सात बजे सूचना मिली कि उमरगंज जाने वाले मार्ग पर नकली नोट छापने वाला गिरोह कार से है। पुलिस ने घेराबंदी करके कार समेत गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को पकड़ लिया। पकड़े गए अभियुक्त पैथालिजास्टि डा नफीस अहमद निवासी कमालपुर फतेहाबाद थाना कुंदरकी जिला मुरादाबाद, पंकज गंगवार निवासी तीन पानी डाम जिला उद्यमसिंह नगर और निखिल मिश्रा निवासी आनंदपुरम कालोनी थाना कोतवाली शाहजहांपुर है। गिरोह का सरगना डा नफीस अहमद है। तामिलनाडू से पैथोलाजिस्ट की डिग्री ले रखी थी। पुलिस ने अभियुक्तों के कब्जे से 500, 100,50, 20 रुपये के कुल 04 लाख 61 हजार रुपये नकली, एक कार बिना नंबर, एक बाइक बिना नंबर, एक लमिनेशन मशीन, दो प्रिंटर, अवशेष पेपर, नोट कटिंग के अवशेष पेपर आदि सामान बरामद किया है।
पूछताछ के दौरान डा नफीस ने बताया कि निखिल ने यहां कमरा किराए पर देने के लिए बुलाया था। इस लिए पूरा सेट लेकर यहां आ रहा था। सरगना पर नफीस पर विभिन्न धाराओं के सात मुकदमें दर्ज है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों को चालान करके जेल भेज दिया। एसपी राजेश द्विवेदी ने पुलिस टीम के प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार सिंह, उप निरीक्षक सुशांत रावत, नितिन कुमार आदि को 20 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
अब तक 15 लाख रुपये के नकली नोट खपा चुके है
पूछताछ के दौरान गिरोह का सरगना डा नफीस अहमद ने बताया कि कोरोना काल में लाकडाउन के समय कोई कार्य न मिलने पर एक-एक पैसे के लिए मोहताज हो गए थे। रामपुर के जाकिर ने नकली नोट बनाने का हुनर सिखाया था, उसके गुरु मर गए है। उसने उपकरणों के माध्यम से नकली नोट बनाना शुरु किया और ब्रोकर को नकली नोट चलाने के लिए 20 प्रतिशत कमीशन देता था। उसका पैथालिजास्टि का धंधा फेल हो गया था। फिर उसने नकली चांदी का धंधा किया, जो सफल नहीं हुआ। पंकज और निखिल को 30 प्रतिशत कमीशन नकली नोट देता था। आरोपी ने बताया कि 15 लाख रुपये के नकली नोट नोयडा और अमरोहा में खपा चुका हैं।
कैसे बनाते थे नकली नोट
आरोनी डा नफीस ने बताया कि असली नोट से नकली नोट पर फोटो शाप करते थे। फोटो शाप करने के बाद नकली नोट को मशीन से लेमिनेश करते थे। नोट पर चमक लाने के लिए बाजार में मिलने वाली चमकदार पन्नी को नकली नोट पर लेमिशन करते थे। उसके बाद हरा और सफेद रंग जरुरत के हिसाब से नकली नोट पर लगा देने के बाद फिर से लेमिनेशन मशीन से नोट को लेमिनेशन करते थे, फिर नकली नोट बनकर तैयार हो जाता था।
पंकज ने तीन माह पहले लोन पर ली थी कार
आरोपी नफीस ने बताया कि पंकज ने तीन माह पहले विभिन्न जिलों में नकली नोट चलाने के लिए कार लोन पर ली थी। इसी कार से नकली नोट जिलों में खपाने के लिए निकलते थे। कभी-कभी कार के अंदर नकली नोट छाप लेते थे। तीस और बीस प्रतिशत पर ब्रोकर को नकली नोट चलाने के लिए देते थे। एक जिले में कुछ दिन रुकते थे और उसके बाद दूसरे जिले में चले जाते थी। शाहजहांपुर आ रहे थे तो पुलिस ने पकड़ लिया।
चौक कोतवाली पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह को पकड़ा है। गिरोह का सरगना डा. नफीस अहमद है। यह लोग यहां पर नकली नोट की खेप खपाने के लिए आ रहे थे। गैंग में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। -राजेश द्विवेदी एसपी।
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