डीएम का निर्देश : बसें केवल निर्धारित स्टॉप पर रुकें, वन-वे व्यवस्था का कड़ाई से हो पालन

बाराबंकी, अमृत विचार : जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय वाणिज्य बंधु समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने नगर क्षेत्र में वन-वे व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने परिवहन निगम और निजी बसों के लिए स्पष्ट आदेश जारी किए। सभी बसें केवल निर्धारित बस स्टॉप से ही यात्रियों को बैठा और उतार सकेंगी। चौराहों या भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बस रोकने पर प्रतिबंध रहेगा।
नियमों के उल्लंघन पर वाहन मालिक और चालक पर कार्रवाई होगी। साप्ताहिक बाजारों को लेकर निर्देश दिए गए कि दुकानें सड़क की सफेद पट्टी के अंदर ही लगनी चाहिए। यातायात में बाधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। पार्किंग समस्या के समाधान के लिए नगर क्षेत्र में दो से तीन स्थानों पर अस्थायी पार्किंग बनाई जाएगी। शहर के प्रमुख मार्गों पर लटकते बिजली के तारों और सड़क पर लगे बिजली के खंभों को स्थानांतरित किया जाएगा। नाका-सतरिख चौराहे सहित कई स्थानों पर अतिक्रमण की शिकायत पर नगर पालिका और पुलिस संयुक्त अभियान चलाएगी। वेंडिंग जोन में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या के समाधान के लिए जलनिकासी की व्यवस्था की जाएगी।
नगर पालिका को मरम्मत कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने व्यापारियों से अपील करते हुए कि वे प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर शहर को स्वच्छ, सुगम व अतिक्रमणमुक्त बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था, बाजार प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था तथा अतिक्रमण नियंत्रण को लेकर व्यापारियों से सुझाव भी आमंत्रित किए, ताकि जनसुविधा के अनुसार कारगर समाधान लागू किए जा सकें। बैठक में अपर जिलाधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह,उप जिलाधिकारी नवाबगंज आनन्द कुमार तिवारी, एएसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी, ईओ नगर पालिका परिषद नवाबगंज संजय शुक्ला, उपायुक्त उद्योग, सहायक श्रमायुक्त, उपायुक्त वाणिज्य कर एवं जिला स्तरीय अधिकारीगण, व्यापारी और उद्यमीगण उपस्थित रहे।
उद्यमियों की समस्याओं जल्द होगा समाधान: डीएम
जिला स्तरीय उद्योग बंधु एवं श्रम बन्धु समिति की बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने विभागीय अधिकारियों को उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया। बैठक में जनपद में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। डीएम ने उद्यमियों के आवेदन पत्रों पर शीघ्र कार्यवाही करने का आदेश दिया। यूपीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र कुर्सी रोड में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
इनमें फायर स्टेशन और अनावासीय भवनों का निर्माण शामिल है। साथ ही दुकानदारों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। क्षेत्र में सौंदर्यीकरण, नाली निर्माण और सड़कों के निर्माण की योजना बनाई गई। सीसीटीवी कैमरे, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना और मुख्य प्रवेश द्वार पर विद्युत कार्य की योजना पर विचार-विमर्श किया गया। इंडस्ट्रियल एरिया माती में सड़क और जल निकासी व्यवस्था पर भी चर्चा हुई। डीएम ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत निवेश मित्र पोर्टल की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रंगीन चाय और मिलावटी पनीर व खोया बनाने वालों पर कसेगी नकेल
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जिला सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने सिरौलीगौसपुर में रंगीन चाय और हैदरगढ़ में मिलावटी पनीर की आपूर्ति पर कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं रामसनेहीघाट में मिलावटी खोया निर्माण करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई के लिये कहा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों, राशन की दुकानों और मदिरा दुकानों के खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने निर्देश दिये कि मत्स्य विभाग के माध्यम से बिक रही मछलियों की गुणवत्ता जांच की जाए। इसके अलावा कमला नेहरू पार्क को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित किया जाए।
वहीं इससे पूर्व बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 390 निरीक्षण और 175 छापे किए गए। इस दौरान 175 नमूने और 241 सर्वे नमूने लिए गए। एमडीएम, पीडीएस और आईसीडीएस से क्रमशः 64, 13 और 29 नमूने संग्रहित किए गए। इनमें से 65 नमूने मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। विभाग ने 15,000 रुपये मूल्य का 110 किलो बेसन, 40,000 रुपये मूल्य की 200 किलो बूंदी और 2,84,000 रुपये मूल्य का 14,200 लीटर पैक्ड पेयजल सीज किया। साथ ही 2,50,000 रुपये मूल्य की 1100 किलो दूषित मिठाइयां, खोया और फल-सब्जियां नष्ट की गईं। न्याय निर्णायक न्यायालय में 42 और न्यायिक न्यायालय में 1 वाद दायर किया गया। न्याय निर्णायक न्यायालय ने 72 वादों का निस्तारण कर 14,62,000 रुपये का अर्थदंड लगाया। न्यायिक न्यायालय ने एक मामले में 3 वर्ष का कारावास और 3,000 रुपये का अर्थदंड निर्धारित किया।
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