Bareilly: एक साल में 10 करोड़ से अधिक का छिपाया टर्नओवर...45 लाख किए जमा
बरेली, अमृत विचार। पीलीभीत बाईपास स्थित एक मनोरंजन पार्क में जीएसटी विभाग ने सर्वे पूरा कर लिया है। जांच में एक साल में 10 करोड़ से अधिक के टर्नओवर छिपाने का मामला पाया गया। इस पर लगभग दो करोड़ की कर चोरी निर्धारित होगी। मौके पर 45 लाख रुपये जमा करा दिए हैं।
अपर आयुक्त राज्यकर ग्रेड-1 ओपी तिवारी के निर्देश पर शनिवार को डिप्टी कमिश्नर एसआईबी अनिरुद्ध सिंह की अगुवाई में 12 सदस्यीय टीम पीलीभीत बाईपास स्थित फनसिटी में सर्वे करने के लिए पहुंची। डिप्टी कमिश्नर के अनुसार विभाग ने लिखापढ़ी करते हुए सोमवार को रिपोर्ट जारी की। उसके अनुसार एक ही जीएसटी नंबर पर एक वाटर पार्क, एक बैंक्वेट हाल, 2 पेट्रोल पंप समेत अन्य मनोरंजन सर्विसेज का संचालन किया जाता है।
फर्म ने एक वर्ष में 53 करोड़ की बिक्री दिखाई थी, इसमें से 50 करोड़ की बिक्री कर मुक्त दिखाते हुए पूरी बिक्री पर सिर्फ 38 लाख कर जमा किया था। अभिलेखों की जांच और तथ्यों के आधार पर पाया कि 10 करोड़ से भी अधिक टर्नओवर को छिपाया गया है। इस आधार पर करीब पौने दो करोड़ की कर चोरी पाई गई है। व्यापारी की ओर से मौके पर 45 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा कर दिए गए हैं।
जांच टीम के मुताबिक टर्नओवर में संदेह को लेकर जीएसटी विभाग के अधिकारी एक माह से रेकी कर रहे थे। टीम ने पाया कि वाटर पार्क में प्रवेश करने के लिए टिकट के स्थान पर 650 रुपये का एक बैंड दिया जाता है। वाटर पार्क में दाखिल होते समय बैंड हाथ में बांधते हैं और फिर निकाल लेते हैं, इससे कोई रिकार्ड ग्राहक के पास नहीं रहता। इससे बिक्री घोषित नहीं हो पाती। ऐसा करके 18 प्रतिशत का टैक्स बचाया जाता है। वाटर पार्क के भीतर लॉकर लेने पर एक टोकन का 50 रुपये लिया जाता है।
एक साल में 10 कार्यक्रम, इतने से तो खर्च निकला मुश्किल
डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह के अनुसार मौके पर मिले अभिलेखों को सर्च वारंट के माध्यम से सीज कर दिया। व्यापारी ने एक साल में बैंक्वेट हाल में सिर्फ 10 कार्यक्रम होने की बात कही गई, मगर इतने कम कार्यक्रम से तो बैंक्वेट के रनिंग खर्चे निकलना मुश्किल है। बिजली विभाग और अन्य संस्थानों से सूचना एकत्रित कर टैक्स चोरी का आंकलन किया जा रहा है। वाटर पार्क से बाहर निकलने वाले ग्राहकों की गिनती की तो सिर्फ एक ही दिन में 650 वाले 1168 बैंड की बिक्री होनी पाई गई, इससे अनुमानित 7.5 लाख रुपये की आय हुई।
जबकि झूले, एम्यूजियम पार्क, कॉस्टयूम, पाॅर्किंग, बैंक्वेट हाल और लाकर की बिक्री अलग से है। काउंटरों पर एक दिन में करीब 15 लाख की धनराशि की अलग-अलग स्रोतों से आनी पाई गई। इसे सरकारी रिकाॅर्ड में दर्ज किया गया। अपर आयुक्त राज्यकर ग्रेड-1 ओपी तिवारी ने बताया कि शासन के करचोरी के विरुद्ध सख्त रवैये को देखते हुए भविष्य में इस तरह की जांचों में वृद्धि की जाएगी। लोग प्रत्येक स्थल पर बिल अवश्य लें। इससे टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
