अतिक्रण की चपेट में गोमती, 60 प्रतिशत सिकुड़ गई नदी की जलधारा, सहायक नदियों भी हो रहीं विलुप्त

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार: गोमती की सहायक नदियां विलुप्त होती जा रही हैं और नदी का 35 प्रतिशत बहाव क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। इससे नदी की धारा 60 प्रतिशत तक सिकुड़ गई है। अब केवल नदी की 40 प्रतिशत धारा ही प्रवाहित है। ये चिंताजनक सच बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डॉ. व्यंकटेश दत्ता के अध्ययन में सामने आया है। डॉ. दत्ता ने 1960 से अब तक नदी के प्रवाह व अन्य स्थितियों पर अध्ययन किया है। 

अंबेडकर विवि में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. दत्ता ने जल संसाधन प्रबंधन और नदी संरक्षण के लिए कानून और नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उत्तर प्रदेश की छोटी व गंगा की सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए बनाई गई समिति के वह सदस्य और तकनीकी सलाहकार भी हैं। डॉ. दत्ता ने बताया कि गोमती, घाघरा और राप्ती बेसिन की 17 नदियों और छोटी धाराओं के प्रवाह में विगत कुछ दशकों में भारी कमी आई है। वर्ष 2011 में उन्होंने गोमती नदी की 960 किलोमीटर तक यात्रा कर उसकी 27 प्रमुख सहायक नदियों का दस्तावेजीकरण किया था। 

डॉ. दत्ता का कहना है कि नदियां केवल पानी ढोने का एक चैनल मात्र नहीं है, बल्कि कई छोटी सहायक नदियों, पौधों, जानवरों और प्राकृतिक रहवासों से जुड़ा एक जीवित पारिस्थितिकी तंत्र हैं। विकास की प्रक्रिया में हमने नदियों को चेनेलाइज़ कर सीधा कर दिया है और कई जगह पर खोद दिया है। उनके प्राकृतिक तट भी काटने के साथ किनारों को सीमेंट और कंक्रीट से सख्त कर दिया है।

प्रदेश की 75 नदियों के पुनर्जीवन पर हो रहा कार्य

डॉ. दत्ता के प्रयास से प्रदेश में 75 छोटी नदियों का पुनर्जीवन कार्य शुरू हो गया है। नाले में परिवर्तित हो चुकी कुकरैल को फिर नदी का दर्जा दिलाया गया। डॉ. दत्ता कुकरैल नदी पुनर्जीवन में उत्तर प्रदेश सरकार के सलाहकार के रूप में विशेष योगदान दे रहे हैं। उनकी शोध और रुचि जल संसाधन प्रबंधन में है, जिसमें कैचमेंट प्लानिंग, नदी पुनर्स्थापन और इको-हाइड्रोलॉजी पर विशेष जोर दिया गया है।

जल एटलस तैयार किया गया

गंगा की सहायक नदियों के जीर्णोद्धार के लिए मुख्य सचिव के निर्देशन में मंडल स्तरीय समिति बनाई गई है। इसमें मंडल के सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, एसडीएम के साथ तकनीकी विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। डॉ. दत्ता के सुझावों के आधार पर नदियों पर अतिक्रमण संबंधित जिलों के जिलाधिकारी हटवाएंगे। डॉ. दत्ता ने जल एटलस तैयार करके सरकार को दिया है। इसमें सभी नदियों, झीलों और तालाबों का सैटेलाइट से मैपिंग की गई है।

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