लखनऊ : रियल एस्टेट की महिला निदेशक ने प्लॉट के नाम पर हड़पे 4.20 करोड़
पार्टनर व एक अन्य पीड़ित ने लगाया आरोप, एडीसीपी उत्तरी के निर्देश पर जानकीपुरम थाने में दो रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ, अमृत विचार : रियल एस्टेट कंपनी नागेश्वर नाथ की महिला निदेशक खिलाफ धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए गए हैं। एक मामले में पार्टनर ने 3.95 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वहीं, दूसरे मामले में एक पीड़ित ने प्लॉट के नाम पर 25 लाख हड़पने का आरोप लगाया है। एडीसीपी उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे के निर्देश पर जानकीपुरम पुलिस ने दोनों मामलों को दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
तिवारीपुर जानकीपुरम निवासी राजेश मिश्र नागेश्वर नाथ रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में 25 प्रतिशत और बीनम मिश्रा 75 प्रतिशत के पार्टनर थे। आरोप है कि बीनम ने वर्ष 2022 व 2023 में ग्राम रसूलपुर कायस्थ स्थित कंपनी की जमीन 3.95 करोड़ में बेचकर रुपये कंपनी के खाते के बजाए अपने निजी खाते में लिए। पीड़ित ने बताया कि उक्त प्लॉट पर कंपनी ने 12 आवासीय भवनों का निर्माण कराया था। शेयर के हिसाब से तीन भवन को बेचने और उनके रुपये का अधिकारी राजेश के पास था। पीड़ित ने बीनम से शेयर का हिसाब मांगा तो उन्होंने टालमटोल की। दबाव बनाने पर उन्हें धमकाया गया। आरोप है कि फर्जीवाड़े में बीनम के साथ विपिन सिंह और उनकी पत्नी पूजा भी शामिल हैं।
वहीं, मड़ियांव के रहीमनगर डुडौली निवासी सुंदरलाल ने बताया कि मार्च 2024 में रियल एस्टेट कंपनी नागेश्वर नाथ की पार्टनर बीनम मिश्रा से जानकीपुरम तिवारीपुर में 1000 वर्ग फुट का एक मकान खरीदा था। जिसके 25 लाख रुपये का भुगतान पीड़ित ने लोन देकर किया था। इसके बाद बीनम ने मकान का बैनामा कर दिया था, लेकिन कब्जा नहीं दिया था। संपर्क करने पर टालमटोल की गयी। शक होने पर सुंदरलाल ने छानबीन की तो पता चला कि बिनाम मिश्रा ने 21 अप्रैल 2022 को नीलम व जितेंद्र कुमार को बेच दिया था। उसके बाद आरोपी ने यह बात छिपाकर जाली पेपर तैयार कर उन्हें रजिस्ट्री की गयी। फर्जीवाड़ा सामने आने पर पीड़ित ने बीनम मिश्रा से मुलाकात कर रुपये वापस मांगे। इसपर आरोपी व उनके सहयाेगियों ने धमकी दी।
पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर नियुक्ति के नाम पर ठगी
यूपी पुलिस का दरोगा बनकर पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा देकर युवती से करीब चार लाख रुपये ऐंठ लिए। नकद व खाते में रुपये देने के बाद भी पीड़िता को नौकरी नहीं मिली। रुपये वापस मांगने पर आरोपी ने धमकाया। डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के निर्देश पर दुबग्गा पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर दुबग्गा अभिनव कुमार वर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
मूल रूप से उन्नाव हसनगंज के ग्राम सलेमपुर निवासी रीता दो भाई व बहनों के साथ बुद्धेश्वर इलाके में किराए का कमरा लेती रहती है। उन्होंने बताया कि भाई व दो बहनें दुबग्गा स्थित विशाल मेगा मार्ट में काम करता है। वहां अक्सर खरीदारी करने के लिए अभय नाम का व्यक्ति आता था। बातचीत में आरोपी ने खुद को पुलिस विभाग में दरोगा होने की जानकारी रीता के भाई को दी थी। कथित दरोगा परिवार के बारे में जानकारी ली। फिर बताया कि पुलिस विभाग में संविदा पर भर्ती होने वाली है।
अगर तुम्हारी बड़ी बहन रीता ने कंप्यूटर कोर्स किया तो उसकी नियुक्ति हो जाएगी। भाई ने बहन से बात की। मुलाकात होने पर आरोपी ने रीता को बताया कि संविदा पर कम्प्यूटर ऑपरेटर पद के लिए 18 हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह मिलेगी। पीड़िता ने नौकरी के लिए हामी भरी। इसपर आरोपी ने बताया कि नौकरी के लिए रुपये खर्च होंगे। आरोपी अभय ने पांच लाख रुपये की डिमांड रखी।
पीड़िता ने पहली बार में दो लाख रुपये दिए। इसके बाद आरोपी ने बताया कि पुलिस विभाग में बात हो चुकी है। कुछ दिन बाद 1.89 लाख रुपये और लिए। वहीं, एक लाख रुपये नियुक्ति के बाद देने की बात तय हुई थी। करीब पांच माह बीतने के बाद भी रीता को नौकरी नहीं मिली। टालमटोल के बाद पीड़िता ने अपने 3.89 लाख रुपये वापस मांगे तो आरोपी ने धमकाया। पीड़िता ने डीसीपी पश्चिम से मुलाकात कर शिकायत की। जिनके निर्देश पर दुबग्गा पुलिस ने अभय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
कार लोन का दावा कर युवक से ठगे 1.68 लाख
पूनावाला फिनकार्प कम्पनी से लोन कराने का दावा कर युवक से करीब 1.68 लाख की धोखाधड़ी की गई। आरोपी ने शोरूम कर्मी बनकर फंसाया और रुपये ऐंठे। लोन न होने पर पीड़ित शाेरूम पहुंचा ताे ठगी का पता चला। पीड़ित ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
वृंदावन कालोनी निवासी किशन गुप्ता ने कार फाइनेंस कराने के लिए 8.15 लाख के लोन का आवेदन किया था। सिबिल स्कोर खराब होने के कारण लोन नहीं हो सका। इस बीच कार शोरूम कर्मी आदर्श ने किशन को कॉल की। बताया कि उसका परिचित अभिषेक शर्मा है। जो निजी फाइनेंस कम्पनी से लोन पास करा देगा। इसके बाद किशन की बात अभिषेक से हुई। आरोपी ने लोन की प्रक्रिया के लिए सारे दस्तावेज लिए। उसके बाद लोन पास कराने के एवज में 1,68,541 रुपये खाते में ट्रांसफर करा लिए। लोन पास नहीं होने पर किशन ने कार शोरूम पहुंच कर छानबीन की। पता चला कि अभिषेक कुमार पहले भी कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है। पीड़ित ने हजरतगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी है।
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