सरयू के बढ़ते जलस्तर खतरे का आसार : नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बदले हालात

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
On

जायजा लेने तराई गए अफसरों का दावा, तैयारी पूरी  

बाराबंकी, अमृत विचार : सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से रामसनेहीघाट और सिरौलीगौसपुर तहसीलों के तटीय गांवों में खतरा बढ़ गया है। नेपाल से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी और क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई गांवों में दहशत का माहौल है। लगातार कटान कर रही नदी में बाढ़ की संभावित स्थिति को लेकर मंगलवा को तहसील के अफसर तराई गए और ग्रामीणों से बात की। 

मंगलवार को तहसील क्षेत्र में सरयू नदी का बहाव बांध से करीब दो से तीन किलोमीटर दूर तक पहुंच चुका है। तराई के गांव बेलहरी, जमका फाजिलपुर, पूरनपुर, कोडरी, बलईपुर, मदरहा, चौधरीपुरवा, माधवपुरवा, बाबा का पुरवा, बतनेरा, ललपुरवा, सुरसंडा, सुंदरनगर और पेशकार पुरवा जैसे गांवों की ओर पानी का स्तर धीमी गति से बढ़ रहा है। अधिशाषी अभियंता शशिकांत सिंह ने बताया कि क्षेत्र में आठ किलोमीटर लंबा बंधा बना हुआ है और किसी भी प्रकार की कटान की सूचना पर तुरंत मरम्मत कार्य कराया जाएगा। वहीं, एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि स्थिति पर हर पल नजर रखी जा रही है और संबंधित अधिकारियों से लगातार अपडेट ली जा रही। उन्होंने बताया कि संभावित प्रभावित गांवों में प्रशासन की टीम जाकर लोगों को सतर्क कर रही है।

सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के सनावा, टेपरा, कहारन पुरवा, और तेलवारी जैसे नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों के अनुसार सोमवार रात से पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है, जिससे कई जगहों पर हल्की कटान भी शुरू हो गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ़ खंड द्वारा कटान प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में "परक्यू पॉइन्ट" नहीं लगाए गए हैं, जबकि जहां कटान नहीं है, वहां काम कराया जा रहा है। ग्रामीण हीरालाल और राजाराम ने बताया कि पिछले दो दिनों में जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है, जिससे नदी किनारे रह रहे लोगों में भय व्याप्त है। बाढ़ खंड के अवर अभियंता प्रदीप वर्मा ने कहा कि कटान रोकने के प्रयास लगातार जारी हैं। वहीं, एसडीएम प्रीति सिंह ने मंगलवार शाम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। तहसीलदार महिमा मिश्रा भी उनके साथ थीं। एसडीएम ने संबंधित विभागों को अलर्ट रहने और राहत टीमों को तैयार रखने के निर्देश दिए।  रामनगर के तराई के गांवों में दहशत बराबर बनी हुई है। सरयू नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है हालांकि फिलहाल खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है। तहसील प्रशासन बाढ़ की संभावित स्थिति को लेकर अलर्ट मोड पर है।

यह भी पढ़ें:- नवजात के नाम पर लगेगा सागौन का पौधा : 7 जुलाई तक सभी सरकारी अस्पतालों में चलेगा अभियान

संबंधित समाचार