Manorama River: फिर पूरी रवानी से बहेगी गोंडा की मनोरमा नदी, प्रवाह मार्ग की सफाई शुरू

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ/गोंडा। उत्तर प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक पहचान और प्राकृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गोंडा जिले में मनोरमा नदी के पुनरुद्धार के लिए एक पहल की है। राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, गोंडा जिले में मनोरमा नदी को पुनर्जीवित करने की यह पहल नदी की सफाई की परियोजना मात्र नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक चेतना को फिर से जगाने और पर्यावरणीय संतुलन को बहाल करने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम है। 

इस बयान में कहा गया है कि जन भागीदारी से शुरू किए गए इस कार्य को एक सच्चे 'जन आंदोलन' के रूप में आकार दिया जा रहा है। बयान के मुताबिक हाल के वर्षों में मनोरमा नदी लगभग लुप्त हो गई थी। इसका प्रवाह गाद, अतिक्रमण और सूख चुके स्रोतों से अवरुद्ध हो गया था। अब, इसका पुनरुद्धार गोंडा की पारिस्थितिकीय एवं सांस्कृतिक पहचान को फिर से स्थापित करते हुए जल संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित होगा।

इसमें कहा गया है, ‘‘कभी गोंडा की आत्मा के तौर पर देखी जाने वाली मनोरमा नदी जल्द ही अपनी उसी रवानी से फिर बहेगी।’’ जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि जन भागीदारी के माध्यम से नदी को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक प्रयास शुरू किए हैं। इसमें गाद निकालना, कचरा हटाना, वृक्षारोपण और नदी के मार्ग को पूरी तरह से साफ करना शामिल है। 

उन्होंने बताया कि पोकलैंड और जेसीबी मशीनों की मदद से सफाई अभियान शुरू किया गया है। गोंडा-बलरामपुर रोड से ताड़ी लाल गांव तक नदी के हिस्से को पूरी तरह से साफ किया जाएगा और इसकी जलधारा को फिर से चालू किया जाएगा।

शर्मा ने मनोरमा सरोवर से नदी के उद्गम स्थल तक पूरे क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए सम्बन्धित विभिन्न विभागों को विस्तृत निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, "मनोरमा सिर्फ एक नदी नहीं है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसका पुनरुद्धार हमारे लोगों के लिए गर्व की बात होगी।"  

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