UP : हर जिले में पांच शीर्ष सेक्टरों की तलाश, पहले युवाओं को ट्रेनिंग फिर नौकरी
लखनऊ, अमृत विचार। राज्य सरकार को तलाश है हर जिले में पांच ऐसे शीर्ष सेक्टरों की जहां पहले युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर नौकरी। जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों के जरिए यह योजना बनाई जा रही है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नई पहल शुरू की गई है। इस कवायद में प्रमुख सेक्टरों में कार्यरत अग्रणी कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर युवाओं को रोजगार से पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। उद्देश्य राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है।
दरअसल, राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और उद्योगों की वास्तविक मांग के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करने के उद्देश्य से उप्र. कौशल विकास मिशन ने एक नई रणनीति की शुरुआत की है। इस रणनीति के अंतर्गत पहली बार मिशन द्वारा जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारियों के माध्यम से कार्य योजना बनाई जा रही है। मुख्य विकास अधिकारियों को 26 सेक्टर की सूची दे दी गयी है जिसमें से 5 सेक्टर को चयनित करना है।
व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि सभी 75 जिलों में जिला प्रशासन की सहायता से शीर्ष सेक्टर्स की पहचान कर उनमें स्थानीय उद्योगों की मांग, रोजगार की संभावनाएं तथा तकनीकी दक्षता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जा रहा है। इसके बाद, इन कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर युवाओं को उनकी मांग के अनुरूप ट्रेनिंग दी जाएगी और ट्रेंड युवाओं को इन इकाइयों में सीधे रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इससे युवाओं को अपने ही जिले में गुणवत्तापूर्ण रोजगार मिलेगा ।
सरकार की यह रणनीति लोकल फॉर वोकल की भावना को साकार करती है, जिससे उद्योगों को स्थानीय प्रशिक्षित जनशक्ति मिलेगी, उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और युवाओं को अपने घर के निकट ही रोजगार प्राप्त होगा। इस योजना के ज़रिए सरकार युवाओं में न केवल तकनीकी दक्षता विकसित कर रही है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान, आर्थिक स्थायित्व और स्थानीय विकास में भागीदारी का अवसर भी दे रही है।
कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक पुलकित खरे के मुताबिक, अभियान को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध ढंग से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। हर चरण में जिलास्तर पर उद्योगों, प्रशासनिक अधिकारियों, प्रशिक्षण प्रदाताओं और मिशन टीम के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
शासन की ओर से निर्देश जारी
शासन की ओर से शुक्रवार को निर्देश दे दिया गया कि मुख्य विकास अधिकारी जिलों के उद्योगों के साथ समन्वय स्थापित कर मांग आधारित सेक्टरों और इकाइयों की पहचान शीघ्र सुनिश्चित कर लें, ताकि ट्रेनिंग प्रोगाम को समय से शुरू किया जा सके। यह योजना केवल ट्रेनिंग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योग-समन्वित कौशल प्रदान करना है, जिससे उन्हें प्रशिक्षुता, इंटर्नशिप और स्थायी रोजगार से सीधे जोड़ा जा सके।
यह भी पढ़ेः श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, विवादित ढांचा घोषित करने से किया इनकार
