पीलीभीत: प्रधानों ने की शिकायत, माननीय का पत्र भी नहीं आया काम..पंचायत निरीक्षक उद्योग पर जिम्मेदार मेहरबान

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Published By Virendra Pandey
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पीलीभीत, अमृत विचार। डीपीआरओ कार्यालय से संबद्ध चल रहे पंचायत निरीक्षक उद्योग पर जिला पंचायत राज विभाग के जिम्मेदार मेहरबान है।  शिकायत संज्ञान में आने पर माननीय भी मूल पद पर भेजने के लिए पत्र लिख चुके हैं, लेकिन मूल पद पर वापसी नहीं हो सकी। इधर, कई ग्राम प्रधानों ने भी शिकायत डीएम और सीडीओ से की। जिसके बाद डीपीआरओ को  प्रकरण दिखवाने के निर्देश हुए और समिति गठित करके जांच की बात कही गई। लेकिन, उसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। शिकायत में गंभीर आरोप लगने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है। जिससे मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

बता दें कि 20 मई को एक पत्र एमएलसी डॉ.सुधीर गुप्ता ने डीएम को लिखा था। जिसमें कहा था कि संजय प्रकाश सक्सेना की मूल तैनाती पंचायत उद्योग इंस्पेक्टर के पद पर है। इनको जनपद में नियुक्त हुए 29 साल हो चुके हैं। लेकिन, जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में इन्हें पुन: संबद्ध कर दिया गया है। जबकि इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें आम जनता से प्राप्त हो रही है। ये भी कहा था कि पूर्व में उनकी शिकायत पर ही इन्हें उक्त पद से हटाया गया था, जिसकी शिकायत डायरेक्टर पंचायती राज से भी की गई थी। अब पुन: डीपीआरओ कार्यालय से संबद्धीकरण होने प मूल पद पर वापस करने का आग्रह किया गया था। 

इस पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश तो दिए गए, लेकिन आगे मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद 12 जून को कई ग्रामों के प्रधानों ने डीएम से शिकायत की। जिसमें बताया था कि वह आए दिन ग्राम पंचायतों में हो रही शिकायत की जांच से परेशान हैं। आरोप लगाया कि पंचायत निरीक्षक उद्योग संजय प्रकाश सक्सेना कुछ चुनिंदा लोगों या फिर पूर्व प्रधान से सांठगांठ कर शपथ पत्र दिलवाते हैं।

इसके बाद वर्तमान प्रधान को सचिव के माध्यम से बुलवाया जाता है। अधिकार सीज होने का डर दिखाकर वसूली करने का भी आरोप लगाया गया। अगर कोई प्रधान रुपये न दे तो अधिकार सीज करा दिये जाते हैं। मनमाने तरीके से जांच कराने का आरोप लगाया। ये भी कहा कि ऑडिट के नाम पर भी उत्पीड़न कराया जा रहा है। जबकि ये पटल दूसरे बाबू के पास है। उसके पटल का काम देखते हुए उत्पीड़न किया जा रहा हे। इसकी शिकायत राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार से भी की गई थी। प्रधानों ने भी संजय प्रकाश को मूल पद पर भेजने की मांग की थी। जिसके बाद अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। समिति गठित कराकर जांच कराने के आदेश कर दिए गए, लेकिन इसके बाद पूरा मामला ही जिम्मेदार हजम कर गए। इस शिकायत को भी एक माह का समय बीतने को आया है लेकिन इस पर एक्शन नहीं लिया जा सका है। जिम्मेदारों पर संरक्षण देने का आरोप है। वहीं, तमाम चर्चाएं विभागीय स्तर पर तेज हो रही है। पंचायत निरीक्षक उद्योग की शिकायत करने वाले पत्र में रामपाल, प्यारेलाल, कालीचरन, माया देवी, मुन्नालाल, राम बहादुर, संतोषी देवी, नत्थो देवी, श्यामलाल आदि के हस्ताक्षर थे। फिलहाल मामला विकास भवन में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

डीपीआरओ रोहित सिंह ने बताया कि इस मामले में कई ग्राम प्रधान ने शिकायत की थी। एडीओ पंचायत से मामले की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने पर निर्णय लिया जाएगा। पंचायत निरीक्षक उद्योग को विभाग में सहयोग के तौर पर लगाया हुआ है। उनका लिखित में कोई भी संबद्धीकरण आदेश नहीं है।

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