मुख्य सचिव के निर्देश: खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी की सूचना पर जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई, सभी केंद्रों पर उर्वरक करायें उपलब्ध
लखनऊ, अमृत विचार: शासन ने खाद की उपलब्धता के मद्देनजर सख्त निर्देश दिए हैं कि, एक भी केन्द्र ऐसा नहीं होना चाहिए, जहां उर्वरक की उपलब्धता न हो। जैसे ही किसी केंद्र पर खाद का स्टॉक 80 से 90 प्रतिशत तक समाप्त हो, वहां नया स्टॉक तत्काल पहुंचाया जाए। निर्देश है कि दुकानदारों द्वारा प्रत्येक किसान को उर्वरक खरीद की रसीद अवश्य दी जाए। साथ ही, उर्वरकों की होल्डिंग (जमाखोरी) को सख्ती से रोका जाए। केंद्र पर किसी भी स्थिति में उर्वरकों की बिक्री निर्धारित विक्रय मूल्य से अधिक पर नहीं होनी चाहिए। ऐसी शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने रविवार को सभी मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में यूरिया और डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को अगले 15 दिनों तक प्रतिदिन सुबह 10 बजे कृषि, सहकारिता और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी केंद्रों पर यूरिया और डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
इसी प्रकार निजी दुकानों पर भी निर्धारित मूल्य से अधिक पर उर्वरकों की बिक्री व अन्य उत्पादों की अनिवार्य टैगिंग कतई नहीं होनी चाहिए। सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी रखी जाए। उर्वरक वितरण में कालाबाजारी या जमाखोरी की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाए। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र कुमार, प्रमुख सचिव वन अनिल कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा सुश्री कंचन वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि मौजूद रहे।
9 जुलाई को प्रदेशभर में रोपित पौधों की हो देखभाल
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 9 जुलाई को प्रदेशभर में रोपित पौधों की देखभाल और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। जिन जिलों में बारिश कम हुई है, वहां सिंचाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि पौधों को नुकसान न हो। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि खेतों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता रहे।
