60 अंक उछाल मारकर देश के 20 सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल हुई बरेली
स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में बरेली को मिली थी 80 वीं रैंक, इस बार 20 रैंक आई तो मेयर, पार्षद और अफसर-कर्मचारी भी हुए उत्साहित
बरेली, अमृत विचार। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की रैंकिंग में बरेली शहर ने देश स्तर पर बड़ा मुकाम हासिल किया है। 60 अंक की उछाल मारकर बरेली देश के 20 सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल हाे गई। प्रदेश में नाथनगरी ने अयोध्या, मेरठ और अलीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों को पछाड़ा है। गुरुवार को जारी हुई रैंकिंग में बरेली देश के टॉप 50 में शामिल होकर 20 वें पायदान पर रहा। वहीं, प्रदेश में बरेली ने 17वां स्थान हासिल किया। इस बार नगर निगम ने वर्ष 2023 में मिली 80 वीं रैंक से 60 पायदान ऊपर 20 रैंक पाई। रैंकिंग में उछाल आने से मेयर उमेश गौतम, पार्षद और नगर निगम के अधिकारी तथा कर्मचारी उत्साहित हैं। नगर निगम के अफसरों ने आगामी वर्ष में अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी कर देश के शीर्ष 10 शहरों में शामिल होने का दावा किया।
स्वच्छता रैंकिंग जारी होने के बाद दिल्ली में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व आवास एवं शहरी विकास मंत्री एके शर्मा ने लखनऊ, प्रयागराज के साथ बरेली नगर निगम को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में बरेली से अपर नगर आयुक्त शशि भूषण राय ने सहभागिता की। दरअसल, देश का कौन सा शहर सफाई में किस पायदान पर है, इसका मूल्यांकन करने के लिए केंद्र सरकार हर साल स्वच्छ सर्वेक्षण कराती है। साल 2017 से लेकर अभी तक की बात करें तो स्वच्छता रैंकिंग में बहुत उतार चढ़ाव आए। वर्ष 2023 में स्वच्छता सर्वेक्षण के निराशाजनक परिणाम के बाद नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने शहर में स्वच्छता का स्तर बढ़ाने की बागडोर अपने हाथों में संभाली। शहर के 80 वार्डों में कूड़ा कलेक्शन बेहतर ढंग से कराने, नालियों, सड़क-फुटपाथ की सफाई, डोर-टू-डोर गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग एकत्र कराने आदि की कार्ययोजना बनाई। एक-एक अधिकारियों को अलग-अलग वार्ड का नोडल अधिकारी बनाया और लापरवाह कर्मचारियों पर नकेल कसी। पार्षदों का सहयोग लिया। शिकायत पर नगर आयुक्त खुद वार्डों में जाकर हकीकत परखते रहे। इसी नतीजे से रैंकिंग में सुधार हुआ।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में मिले पूरे अंक
स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बरेली शहर ने विभिन्न मानकों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़े का पृथक्करण, वाटर प्लस, आवासीय व बाजार क्षेत्रों की सफाई, जलाशयों की सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई जैसे अहम कार्यों में आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, मथुरा, झांसी, अयोध्या जैसे शहरों से बेहतर किया। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में केंद्र सरकार ने 100 प्रतिशत अंक दिए हैं। बरेली नगर निगम ने आगरा, अयोध्या, मथुरा को भी पीछे छोड़ दिया। वहीं, गार्बेज फ्री सिटी यानि जीएफसी के तहत बरेली को बेहतर नंबर मिले हैं। अधिकारियों के मुताबिक स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणी में रखी गई थी। इनमें बहुत छोटे शहर 20 हजार जनसंख्या, छोटे शहर 20 से 50 हजार जनसंख्या, मध्यम शहर 50 हजार से 3 लाख जनसंख्या, बड़े शहर जिनकी 3 से 10 लाख जनसंख्या और दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर रहे।
यूपी की रैंक में पिछड़ गया बरेली नगर निगम
देश में भले ही स्वच्छ सर्वेक्षण की रैकिंग में बरेली नगर निगम टॉप 50 में शामिल हो गया, लेकिन उत्तर प्रदेश में बरेली की रैंक खास नहीं रही। बरेली को प्रदेश में 17वीं रैंक मिली है। हालांकि यह रैंकिंग डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, वाटर प्लस, शौचालय सफाई समेत कई मानकों पर मेरठ अलीगढ़, अयोध्या, शाहजहांपुर नगर निगमों से बेहतर रहा है।
ऐसे किया गया मूल्यांकन
इस बार की रैंकिंग में मूल्यांकन 12,500 अंकों के आधार पर किया गया। यह पिछले वर्ष के 9,500 अंकों से अधिक था। मूल्यांकन को कई हिस्सों में बांटा गया, चरण वन और टू में एमआईएस डाटा और कॉल वेरिफिकेशन के आधार पर 500 500 अंक, चरण तीन व चार में ऑन-साइट फील्ड निरीक्षण, नागरिक फीडबैक और डेटा वेरिफिकेशन किया गया। मूल्यांकन में नवाचार, नागरिक सहभागिता और पारदर्शिता को विशेष महत्व दिया गया।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू होता तो और बेहतर आती रैंक
नगर निगम फरीदपुर के सथरापुर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू नहीं कर सका है। निजी फर्म को प्लांट लगाकर कूड़ा निस्तारण करना है। बदले में नगर निगम अनुबंध के मुताबिक भुगतान करेगा। संचालन के लिए कई बड़ी कंपनियों ने टेंडर डाले, अब तक इसके चालू नहीं होने से शहर के लिए कूड़ा निस्तारण बड़ा सिरदर्द है। अधिकारियों के मुताबिक यूपी के अन्य नगर निगमों की रैंकिंग से कम रैंक आने के पीछे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का शुरू न होना भी है। यह चालू हो गया होता तो और बेहतर रैंक आती।
टॉप 10 में आने को इस वर्ष यह रहेगी चुनौती
वर्ष 2025 में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का संचालन करना। शहर से निकलने वाले वेस्ट आइटम को रेड्यूज, रि-यूज और रिसाइकिल वेस्ट थीम पर वस्तुओं को उपयोग में लाना होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक पर शत-प्रतिशत नियंत्रण पाना। जब्त प्लास्टिक से उपयोगी मेटेरियल तैयार करना। एमआरएफ सेंटरों की संख्या बढ़ाने के साथ नागरिकों की सहभागिता के लिए जागरूकता बढ़ाना।
बेहतर रैंकिंग में इन सुधारों का भी योगदान
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी साफ किया गया। घर-घर से कूड़ा उठाने का दायरा बढ़ा। शहर को खुले में शौच से मुक्त कराया। पब्लिक टॉयलेट बनवाए गए। खाली प्लाटों से कचरा उठवाया गया। शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर हुआ।
मेयर ने जताया आभार, जनता और सफाई कर्मियों को दिया श्रेय
यह सम्मान बरेली की स्वच्छता का सम्मान है, यह बरेलीवासियों के लिए गर्व की बात है। बरेली नगर निगम ने देश के टॉप 20 शहरों में जगह बनाने में सफलता हासिल की। यह उपलब्धि सभी नागरिकों, नगर निगम की टीम और स्वच्छता कर्मियों के अथक प्रयासों का परिणाम है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत हमने कचरा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर काम किया। कई बिंदुओं पर व्यापक सुधार से शहर को यह रैंकिंग मिली है। बरेली शहर लगातार तरक्की कर रहा है। पिछले साल और अब की रैकिंग ने यह साबित कर दिया है। अब वह दिन दूर नहीं जब देश की सूची में बरेली शहर टॉप फाइव में होगा। - डॉ. उमेश गौतम, मेयर
शहरवासियों के सहयोग से हुआ रैंकिंग में सुधार : नगर आयुक्त
एक साल में 80 से सीधे 20वीं रैंक आना शहरवासियों के सहयोग के बिना संभव नहीं था। हम लगातार बेहतर कर रहे हैं। नगर निगम की ओर से बीते एक वर्ष में सफाई व्यवस्था में काफी परिवर्तन किए गए। डिजिटल निगरानी से लेकर जन जागरूकता अभियान, कूड़ा प्रबंधन, वार्ड स्तर पर निरीक्षण और जनता की भागीदारी ने बरेली शहर को यह मुकाम दिलाया है। अच्छे परिणाम के लिए निगम के सभी कर्मचारी और अधिकारी बधाई के पात्र हैं। आगे भी जीरो वेस्ट वार्ड बनाने में नगर निगम प्रयास करेगा। आगे की चुनौतियों को हम जल्द हल कर देश के टॉप पर आएंगे। -संजीव मौर्य, नगर आयुक्त, नगर निगम
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आठ साल में टॉप 20 में शामिल होने को ऐसे हासिल किया मुकाम
वर्ष रैंक
2024 20
2023 80
2022 137
2021 153
2020 149
2019 117
2018 322
2017 298
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