शाहजहांपुर: निगोही में सपा नेताओं की थाना प्रभारी से तीखी नोकझोंक

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Published By Monis Khan
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निगोही, अमृत विचार। सपा के पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा के समर्थन में निगोही पहुंचे सपा के प्रतिनिधि मंडल और थाना प्रभारी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। प्रतिनिधि मंडल का आरोप है कि पुलिस ने पूर्व विधायक के आवास और परिवारजनों की संपत्ति के सामने कबाड़ व वाहन डाल कर उत्पीड़न किया जा रहा है। पूर्व विधायक की पुत्रवधू की भूमि कम है। पहले उनकी भूमि नापकर दी जाए। इसके बाद प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। इससे पहले भूमि पर पुलिस विभाग की ओर से वाहन न खड़े किए जाएं।

स्थानीय स्तर पर कुछ समय से पुलिस और पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा के बीच तनातनी की चर्चाएं चल रही थीं। विवाद उस समय उभरा जब कथित तौर पर पुलिस टीम ने उनकी पुत्रवधू के भवन के सामने कबाड़ गाड़ियां खड़ी करवा दीं। इसके बाद समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तनवीर खां, पूर्व मंत्री अवधेश वर्मा, पूर्व विधायक राजेश सिंह यादव, सैयद रिजवान व पूर्व विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने निगोही थाने पहुंचकर थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह से वार्ता की। सपा जिलाध्यक्ष तनवीर खां के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कार्रवाई पर आपत्ति दर्ज कराई। 

बताया जा रहा है कि थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह से हुई बातचीत जल्दी ही गरमागरम बहस में बदल गई। सपा नेताओं ने कहा कि पूर्व विधायक के साथ बदसलूकी की गई और प्रशासनिक दबाव बनाने के लिए कबाड़ डाल कर उत्पीड़न किया गया। पुलिस पक्ष से तत्काल कोई औपचारिक बयान उपलब्ध नहीं हो सका पर अनौपचारिक रूप से कुछ पुलिसजन इसे नियमित कार्रवाई से जुड़ा बताते हैं। 

थाने पर हुई तीखी नोकझोंक के बाद सपा प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि यदि पुलिस ने कथित उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं रोकी तो पार्टी जिले‑भर में आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने ऐलान किया कि वे पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा के समर्थन में खड़े हैं और उनकी लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेंगे। जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने कहा कि मामले की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेजी जाएगी।
सपा नेताओं ने मांग है कि पूर्व विधायक के भवन/परिवारजनों के परिसर के सामने डाले गए कबाड़ वाहन तुरंत हटाए जाएं। 

पहले भी हुई पैमाइश और कब्ज़ा
निगोही क्षेत्र में विवादित भूमि को लेकर पूर्व विधायक रोशन लाल वर्मा और प्रशासन के बीच पहले से ही तनाव बना हुआ है। कुछ दिनों पहले पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने वर्मा के घर के सामने पैमाइश करवाई थी। पैमाइश के बाद प्रशासन ने जमीन को अपने कब्ज़े में लिया और वहां सीमांकन कर पिलर भी गाड़ दिए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी कार्रवाई के बाद सपा नेताओं और पुलिस प्रशासन के बीच खींचतान तेज हो गई। वर्तमान विवाद उसी पूर्व पैमाइश और कब्ज़े की कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।

 थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जिस भूमि को लेकर पूर्व विधायक विवाद कर रहे हैं वह पुलिस विभाग को राजस्व विभाग ने नापजोख करके दी है। पुलिस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। पुलिस ने जो कार्य किया है वह नियमानुसार ही किया है।

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