सर्जरी की सफलता में टेक्नीशियन होते हैं अदृश्य योद्धा, निभाते हैं अहम भूमिका, PGI में मनाया 9वां नेशनल एनेस्थीसिया और ओटी टेक्नोलॉजिस्ट दिवस

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार: सर्जरी के समय जब एक मरीज बेहोशी की अवस्था में होता है और चारों ओर सन्नाटा पसरा होता है, तब ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो बिना किसी दिखावे के पूरी जिम्मेदारी और दक्षता से मरीज की जिंदगी की डोर थामे होते हैं। ये बातें एसजीपीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो देवेंद्र गुप्ता ने कही। वे एनेस्थीसिया और ओटी टेक्नीशियनों के सम्मान में रविवार को संजय गांधी पीजीआई के एनेस्थीसिया विभाग में आयोजत 9वें नेशनल एनेस्थीसिया एवं ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजिस्ट दिवस पर संबोधित कर रहे थे।

प्रो देवेंद्र गुप्ता ने कहा, इन तकनीशियनों की सतर्कता और संवेदनशीलता ही मरीज को ऑपरेशन टेबल से सुरक्षित बाहर लाती है। ये वो हाथ हैं, जो खुद पर्दे में रहकर, जीवन की डोर थामे रखते हैं। यह स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अनदेखे लेकिन अति आवश्यक योद्धा हैं। वहीं एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रो प्रभात तिवारी ने कहा ऑपरेशन चाहे कितना भी जटिल क्यों न हो, टेक्नीशियन की तकनीकी दक्षता और भावनात्मक संतुलन ही उसे सफल बनाता है। ट्रांस इसोफीजियल इको जैसे उपकरणों की बारीकी से समझ और संचालन में इनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये ऑपरेशन थिएटर की रीढ़ की हड्डी हैं। इस मौके पर मेडिटेक संगठन के महामंत्री सरोज वर्मा और पीजीआई वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेश कुमार ने कहा कि अब समय आ गया है जब इन बैकस्टेज हीरोज को मुख्य मंच पर पहचान मिले। इस मौके पर वरिष्ठ टेक्नोलॉजिस्ट विनय प्रताप सिंह, मनोज सिंह, अजय नारायण वर्मा और अभय कुमार झा ने भी अपनी बात रखी। आयोजक चंद्रेश कुमार कश्यप और धीरज सिंह ने बताया कि इस अवसर पर एक पौधा मां के नाम और राज्य सरकार के पौधरोपण अभियान के तहत सभी को पौधा भेंट किया गया।

यह भी पढ़ेः पशुओं के करोड़ों ईयर टैग गुम, केंद्र ने दिए थे 9.50 करोड़ ईयर टैग, पोर्टल पर दिख रहे 3.30 करोड़

संबंधित समाचार