पीलीभीत: थोक विक्रेताओं ने बढ़ाए खाद के दाम और खुलती चली गईं कालाबाजारी की दुकान...शिकायत के साथ सौंपी गई ऑडियो

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। खाद की किल्लत को लेकर किसान परेशान है। अभी कुछ दिन पहले ही जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में मुद्दा उठा और कृषि अधिकारी को थप्पड़ तक जड़ दिया था। जिससे मामला तूल पकड़ चुका है। इसी बीच अब एक शिकायत पूर्व चेयरमैन की ओर से की गई है, जोकि खुद खाद के फुटकर विक्रेता हैं।  उनके अनुसार, खाद की कालाबाजारी के पीछे थोक विक्रेता जिम्मेदार है। उनके द्वारा पहले से ही शासन से निर्धारित अधिक दाम पर मनमाने तरीके से बिक्री की जा रही है। जिसके बाद फुटकर विक्रेता को मजबूरन अधिक दाम वसूलना पड़ेंगे। इसकी कॉल रिकार्डिंग साक्ष्य के तौर पर दी और थोक विक्रेता पर कर्रवाई की मांग की है। 

नगर पंचायत गुलड़िया भिंडारा (मझोला) के पूर्व चेयरमैन रामऔतार अग्रवाल ने  जिला कृषि अधिकार से शिकायत की। जिसमें बताया कि उनकी मझोला में खाद की रिटेल की दुकान है। जिसमें खरीद बिक्री आदि प्रबंधन का कार्य वह करते हैं। फुटकर बिक्री के लिए यूरिया खाद की जरुरत थी।   इस पर 24 जून को बीसलपुर स्थित ज्वाला सरन जगदीश सरन फर्म के मालिक से संपर्क किया। इस पर फर्म 1मालिक ने बताया कि उन्हें यूरिया 260 रुपये एक्स बरेली देंगे और इनसे 55 हजार रुपये का माल टैंगिंग में यूरिया की गाड़ी के साथ लेना पड़ेगा। इस पर जब ये कहा कि ऐसे तो यूरिया भाड़ा आदि खर्च मिलाकर मझोला में 280 रुपये प्रति बोरी से भी ऊपर पड़ेगी। जोकि सरकारी नियंत्रण मूल्य 266 रुपये, प्रति बैग लोडिंग का खर्च मिलाकर करबी 270 रुपये अधिकतम ही किसान का खर्च होना चाहिए। इस प्रकार की स्थिति बना देंने से तो हंगामा हो जाएगा। इस पर फर्म मालिक ने साफ कहा कि यही रेट लगेगा और टैगिंग का माल जिंग, जाइम आदि भी 55 हजार रुपये का लेना पड़ेगा। इसके बिना यूरिया नहीं मिलेगी। इस माल का मूल्य भी बाजार रेट से दोगुना बताया। आपत्ति करने पर आगे यूरिया और आने वाली है, जाकि ठीक रेट में पड़ जाएगी। आपत्ति जताने पर कुछ भांपकर टाल दिया। जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी उनके पास है। शासन के रेट पर यूरिया देने को कहा गया  लेकिन यूरिया का स्टॉक न आने की बात कहकर टोल दिया गया। जबकि इसी बीच इनके पास कई बार यूरिया आई और इन लोगों ने ब्लैक मार्केटिंग कर दी। जो रिटेलर मजबूरी में इनसे ब्लैक में शर्तों पर यूरिया लेने को तैयार थे, सिर्फ उन्हें दी गई। इधर, शिकायतकर्ता के पुत्र  कपिल अग्रवाल जोकि राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के जिला प्रतिनिधि है। उन्होंने भी इस प्रकरण में जिला कृषि अधिकारी से वार्ता कर कार्रवाई करने के लिए कहा है। 

बोले: बंद होने का आ गई दुकान, कालाबाजी पर हो एफआईआर 
जिले में चुनिंदा थोक विक्रेता है। अगर थोक विक्रेता से अधिक दाम पर यूरिया खरीदी जाएगी तो उसे मजबूरी में अधिक रेट पर किसान को देनी होगी। ये किसानों के साथ भी अन्यास है। उन्होंने कहा कि किसान का उत्पीड़न नहीं हो, इसलिए अधिक रेट में लेने से मना कर दिया। ऐसे में दुकान यूरिया की कमी के चलते बंद होने की स्थिति में आ गई है। ये भी आरोप लगाया कि जिले में यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग और जबरन अन्य सामानों की टैगिंग की जा रही है। जिससे किसान को असुविधा हो रही है। खाद के फुटकर विक्रेता उक्त मामले में पिस रहे हैं। बीसलपुर की संबंधित फर्म के मालिक पर कालाबाजारी का मुदकतमा दर्ज कराने और खाद बिक्री का लाइसेंस समाप्त करने की मांग की गई। 

तो अब खाद की कालाबाजारी पर भी पुलिस करे कार्रवाई 
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल ने कहा कि मझोला के पूर्व चेयरमैन से शिकातय प्राप्त हुई है। एक ऑडियो भी पत्र के साथ भेजा गया है। ऑडियो पुलिस को दे दिया जाएगा, वह इसकी फॉरेंसिक जांच कराए। इसके बाद जांच करा ली जाएगी, अभी तो कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं, जांच किससे कराएंगे। हड़ताल खत्म कराने के प्रयास जैसे-तैसे कर रहे हैं।

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