लखीमपुर खीरी: सहकारी केंद्रों पर यूरिया नहीं,  प्राइवेट दुकानदार काट रहे चांदी

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Published By Monis Khan
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मूड़ा सवारान, अमृतविचार। सहकारी समितियों पर खाद की किल्लत के चलते उपभोक्ताओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को बमुश्किल खाद किस्तों में मिलती है, जबकि खेतों को एक साथ चाहिए होती है। किसान खाद लेने के लिए लाइनों में लगते हैं लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। जिस कारण किसान प्राइवेट दुकानों की ओर रुख करते हैं, जहां उन्हें महंगे दामों पर मजबूरन खरीदनी पड़ती है।

धान एवं गन्ने की फसल को पोषण देने का समय है, लेकिन क्षेत्र में यूरिया की कमी ने अन्नदाताओं की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र के भदेड़, रमुआपुर बी पैक्स किसान सहकारी समितियों पर खाद की सबसे अधिक मांग रहती है, मगर इन समितियां पर खाद उपलब्ध नहीं है। स्थिति यह है कि किसान घंटों तक लाइन लगने के बाद खाली हाथ लौट रहे हैं। किसानों का कहना है कि हर साल यही हाल रहता है।

बरसात के मौसम में जब फसलों को उर्वरक की सबसे अधिक जरूरत होती है तब खाद की किल्लत उन्हें दर-दर भटकने को मजबूर कर देती है। जिसका फायदा उठाकर प्राइवेट दुकानदारों की इन दिनों पौ बारह हो रही है। प्राइवेट दुकानदार महंगी रेट में यूरिया के साथ किसानों को जिंक का पैकेट थमा रहे हैं। किसानों को मजबूरन महंगे रेट में यूरिया लेनी पड़ रही है।

 

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