लखनऊ : केजीएमयू में दो मरीजों के कूल्हे का रोबोट की मदद से हुआ प्रत्यारोपण
लखनऊ, अमृत विचार । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के चिकित्सकों ने रोबोट की मदद से दो मरीजों के कूल्हे का प्रत्यारोपण करने में सफलता हासिल की है। केजीएमयू प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन गया है जिसमें रोबोटिक कूल्हा प्रत्यारोपण हुआ है। दोनों मरीजों का आयुष्मान योजना से मुफ्त इलाज हुआ।
लखीमपुर खीरी निवासी पेशे से किसान दुर्गेश (20) गठिया रोग से पीड़ित था। कूल्हे में भीषण दर्द से चलना-फिरना भी दूभर हो गया था। स्थानीय कई चिकित्सकों को दिखाने पर कूल्हा प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू हड्डी रोग विभाग पहुंचे। हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार ने मरीज को देखा। जरूरी जांच कराई। मरीज के पास आयुष्मान कार्ड था। चिकित्सकों ने रोबोटिक सर्जरी से कूल्हा प्रत्यारोपण का फैसला किया। प्रत्यारोपण सफल रहा। इसी प्रकार बस्ती निवासी ब्रहम्म देव (75) को भी रोबोट से कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया। गठिया से बुजुर्ग का कूल्हा खराब हो गया था। उम्र अधिक होने से कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए बड़ा ऑपरेशन जोखिम भरा था। लिहाजा डॉ. आशीष ने रोबोट से प्रत्यारोपण का फैसला किया। प्रत्यारोपण के बाद दोनों मरीज तीसरे दिन से चलने में सक्षम हो जाएंगे।
थ्रीडी मैपिंग से मिली सफलता
डॉ. आशीष ने बताया कि रोबोट एक विश्वप्रसिद्ध अत्याधुनिक तकनीक है। जो हड्डियों की थ्रीडी मैपिंग कर सटीकता से इंप्लांट पोजिशनिंग सुनिश्चित करता है। इससे सर्जरी की सफलता दर बढ़ती है। रक्तस्राव कम होता है। मरीज की रिकवरी कहीं अधिक तेज होती है।
ये हैं सर्जरी टीम के हीरो
हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार, डॉ. नरेंद्र, डॉ. कुमार शांतनु, डॉ. संजीव, डॉ. देवर्षि, डॉ. मधुसूदन और डॉ. बृजमोहन, एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. दिनेश कौशल और डॉ. नीलकमल की टीम ने संभाली।
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके.सिंह ने बताया कि मरीजों को आधुनिक व कम दर्द वाली सर्जरी मुहैया कराने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रोबोटिक सर्जरी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आने वाले समय में केजीएमयू में अन्य विभागों में भी रोबोटिक तकनीक से सर्जरी शुरू की जाएगी। इस कदम से न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। बल्कि भविष्य में सरकारी अस्पतालों में भी हाई-एंड रोबोटिक ऑर्थोपेडिक सर्जरी की राह खुली है।
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