बाराबंकी में शिक्षक-कर्मचारियों की हुंकार, मांगा हक: एस-4 समिति के बैनर तले बाराबंकी में प्रदर्शन

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Published By Vinay Shukla
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बाराबंकी, अमृत विचार : प्रदेश के शिक्षक और संविदा कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर अब आर-पार के मूड में दिख रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस-4) की जिला इकाई ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। धरना स्थल पर बड़ी संख्या में शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पुष्टाहार कर्मी और अन्य संविदा कर्मचारी पहुंचे। संयुक्त संयोजक और प्रदेश महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षकों और कर्मचारियों की वाजिब मांगों की अनदेखी की जा रही है, जो अब असहनीय हो चुकी है।

✍️ ये हैं मुख्य मांगें
  • कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद करने के निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए।
  • संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए और वेतन में वृद्धि की जाए।
  • पेयारिंग व्यवस्था को खत्म किया जाए जिससे शिक्षकों पर अतिरिक्त भार न पड़े।
  • बाल विकास पुष्टाहार विभाग के संविदा कर्मियों को 18 माह से लंबित वेतन अविलंब दिया जाए।
  • निजीकरण व आउटसोर्सिंग बंद कर नियमित भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाए।
  • समाप्त किए गए भत्तों की बहाली सुनिश्चित की जाए।
धरने में उठीं आवाजें, भावनात्मक हुई अपील

धरने में बोलते हुए जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि आज शिक्षक और कर्मचारी मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पीड़ित हैं। “सरकार को अगर शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता चाहिए, तो पहले शिक्षकों और कर्मचारियों की दशा सुधारे,” उन्होंने कहा। अन्य वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द मांगे नहीं मानी गईं, तो राज्य स्तर पर व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।  वहीं, धरना स्थल पर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से शिक्षकों व कर्मचारियों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने की अपील की गई है, जिससे शिक्षा व्यवस्था और जनसेवा सुचारू रूप से चल सके।

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